Himachal Viral Marriage: पुरानी कहावत है कि प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह सात समंदर पार से भी लोगों को खींच लाता है. ऐसा ही कुछ हिमाचल के चंबा के रहने वाले युवक के साथ हुआ. इस युवक से फिलिपींस की मारिया ने भारत में आकर शादी रचाई. दोनों परिवारों के बीच बाकायदा सभी भारतीय रस्में निभाई गईं. दोनों पठानकोट में हिंदू रीति-रिवाज से शादी के बंधन में बंध गए. इस शादी समारोह में मारिया का परिवार भी शामिल हुआ. रोचक बात ये रही कि, शादी में दुल्हन को सात वचन इंग्लिश में ट्रांसलेट कर समझाए गए. अब सवाल है कि, शादी में सुनाए इन 7 वचनों का मतलब क्या हैं? विनय और मारिया की कहां और कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी? आइए जानते हैं इस बारे में-
विदेशी मेम और भारतीय छोरे की प्रेम कहानी
बताया जाता है कि, विनय और मारिया की मुलाकात लगभग 3 साल पहले ईस्ट अफ्रीका में नौकरी के दौरान हुई थी. यहां दोनों एक ही कंपनी में सिविल इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. विनय बताते हैं कि, काम के दौरान दोनों के बीच दोस्ती से यह रिश्ता प्यार में कैसे बदल गया, ये पता ही नहीं चला. मारिया ने मुस्कुराते हुए बताया कि विनय ने उन्हें पहले प्रपोज किया था. शादी के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती भाषा की है. इसलिए मारिया अब हिंदी सीख रही हैं.

शादी के 7 वचनों का क्या होता है मतलब
शादी में दिए जाने वाले सात वचन केवल शादी की रस्में नहीं हैं, बल्कि जीवन की हर परिस्थिति में साथ निभाने का संकल्प होता है. अगर आप इन्हें भूल भी गए हैं तो अपने पार्टनर के साथ बैठकर एक बार फिर इन्हें दोहराएं.
पहला वचन: इस वचन में पति-पत्नी एक-दूसरे से यह संकल्प लेते हैं कि वे एक-दूसरे की बुनियादी आवश्यकताओं भोजन, वस्त्र, और आवास का ध्यान रखेंगे साथ ही, एक-दूसरे की आर्थिक और भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
दूसरा वचन: इस वचन में वे प्रतिज्ञा करते हैं कि वे एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ देंगे, एक-दूसरे की शक्ति बनेंगे और हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ निभाएंगे. जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना मिलकर करेंगे.
तीसरा वचन: इस वचन के अनुसार, दोनों पति-पत्नी मिलकर घर को चलाएंगे, मेहनत करेंगे और परिवार को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाएंगे. यह जीवन में स्थायित्व और संतुलन लाने की बात करता है.
चौथा वचन: इस वचन में वर और वधु दोनों संकल्प लेते हैं कि वे एक-दूसरे के माता-पिता और परिवार का सम्मान करेंगे. परिवार की मर्यादा और संस्कारों का पालन करते हुए एक-दूसरे को अपनाएंगे.
पांचवां वचन: पांचवें वचन में दंपत्ति यह वादा करते हैं कि वे संतान को जन्म देंगे, उसे अच्छे संस्कार देंगे और मिलकर उसका पालन-पोषण करेंगे. वे माता-पिता की भूमिका को जिम्मेदारी से निभाने का वादा करते हैं.
छठा वचन: इस वचन के अंतर्गत वे प्रतिज्ञा करते हैं कि वे रोग, कष्ट, आर्थिक संकट या अन्य किसी भी मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे. यह विश्वास और समर्पण का प्रतीक होता है.
सातवां वचन: अंतिम यानी सातवें वचन में पति-पत्नी यह वादा करते हैं कि वे न केवल इस जन्म में बल्कि अगले जन्मों में भी एक-दूसरे के साथ रहेंगे. यह वचन जीवनभर के साथ का सबसे पवित्र प्रतीक है.