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वीरांगना महारानी ने मो. गौरी को चटाई थी धूल, आज भी गवाह है ये मंदिर, विराजमान है भगवान शिव की 3 मुख वाली प्रतिमा

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सिरोही. सिरोही जिले में एक गांव ऐसा है जहां आज से करीब 800 साल पहले एक भीषण युद्ध में अफगान आक्रमणकारी सुल्तान को गुजरात की राजधानी अन्हिलपाटन (पाटन) पर जाते समय एक महारानी ने अपनी सेना के साथ बुरी तरह हराकर अपने वतन लौटने पर मजबूर कर दिया था. आज भी यहां एक प्राचीन शिव मंदिर इस घटना का साक्षी बना हुआ है.

जिले के पिंडवाड़ा तहसील के कासिन्द्रा गांव स्थित अरुणेश्वर महादेव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में भगवान शिव तीन मुख वाली प्रतिमा में विराजमान हैं. इन तीन मुख में रौद्र, शिव और लकुलीश के रूप में नजर आते हैं. इस शिव पंचायतन मंदिर में प्रनाल मंदिर भी हैं. जिससे यह मंदिर शिल्प स्थापत्य की दृष्टि से विश्व के दुर्लभतम मंदिरों की श्रेणी में गिना जा सकता है. अपने शिल्प स्थापत्य और प्रतिमाओं की खास बनावट और खासियत की वजह से यह शिवालय विश्व के दुर्लभतम मंदिरों में से एक है. मंदिर में आज भी सैकड़ों वर्ष पुरानी प्रतिमाएं खंडित अवस्था में सुरक्षित रखी हुई है. मंदिर आबू की पहाड़ियों से निकलने वाली नदी के किनारे विहंगम स्थान पर बना हुआ है.

ये है मंदिर का इतिहास
गांव की स्थानीय रहवासी और भक्त रेणुका कुंवर में बताया कि इस मंदिर का इतिहास बहुत गौरवशाली है. इस मंदिर की प्रथम प्रतिष्ठा 907 ईस्वी में हुई थी. उस समय इस मंदिर की प्रसिद्ध दूर-दूर तक थी. सैकड़ों की संख्या में भक्त यहां दर्शन कर अपने आराध्य अरुणेश्वर देव की आराधना करते थे. बाद में मुगल आक्रांताओं ने मंदिर को खंडित कर दिया. जिसके बाद इस मंदिर के शिखर का दुबारा जीर्णोद्धार विक्रम संवत 1239 (1182 ईस्वी.) में अरुणेश्वर देव के परम उपासक एक व्यापारी में करवाया था. कुछ वर्ष पहले ही इस खंडित अवस्था में मंदिर का जीर्णोद्धार करवाकर पुनः भव्य मंदिर बनवाया गया है.

महारानी नायिका देवी ने अफगान सुल्तान को दी मात
गुजरात में वीरांगना नायकी देवी का विवाह गुजरात के महाराजा अजयपाल से हुआ था. अंगरक्षक द्वारा साल 1176 में अजय पाल की हत्या के बाद राज्य की बागडोर महारानी नायकी देवी के हाथ में आ गई थी, क्योंकि तब उनके पुत्र मूलराज बहुत छोटे थे. विक्रम संवत 1235 (1178 ईस्वी.) में अफगान आक्रमणकारी सुल्तान शहाबुद्दीन गौरी (मोहम्मद गौरी) गुजरात की राजधानी अन्हिलपाटन (पाटन) पर हमला करने के लिए निकला था. जिसकी सूचना महारानी नायिका देवी को मिलने पर सिरोही जिले के कासिन्द्रा गांव में अफगान सुल्तान गौरी और उसकी सेना को रोककर नायिका देवी ने अन्य हिन्दू राजाओं के साथ मिलकर परास्त कर दिया था. जिसके बाद सुल्तान गौरी घायल होकर वापस लौटने को मजबूर हो गया था. यह मंदिर आज भी ऐसी अनेकों घटनाओं का साक्षी बना हुआ है.

FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 16:11 IST

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