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Saraswati Puja 2025: पूरे देश में सरस्वती पूजा 3 फरवरी को मनाई जा रही. पंडित मनोत्पल झा के अनुसार, इस दिन सभी शुभ कार्य जैसे पूजा, अनुष्ठान, उपनयन, मुंडन और बेटी की विदाई करना शुभ माना जाता है.
सरस्वती पूजा के दिन कर सकते है सभी शुभ कार्य
हाइलाइट्स
- सरस्वती पूजा के दिन सभी शुभ कार्य कर सकते हैं.
- पंडित मनोत्पल झा के अनुसार, यह दिन बहुत शुभ होता है.
- इस दिन ब्याही बेटी की विदाई भी कर सकते हैं.
विक्रम कुमार झा/पूर्णिया: लोगों को शुभ कार्य या अनुष्ठान करने के लिए शुभ मुहूर्त और दिन देखना बहुत जरूरी होता है. वहीं, कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि सरस्वती पूजा के दिन शुभ कार्य करना उचित होगा या अनुचित तो चलिए इसके बारे में नियम हम आपको बताते हैं…
सरस्वती पूजा यानी बसंत पंचमी के आते ही मौसम हरा भरा हो जाता है और बागों में फूल और फल आने शुरू हो जाते हैं. इस बार 3 फरवरी को सरस्वती पूजा है. जबकि पंचमी तिथि का प्रवेश 2 फरवरी को हुआ, लेकिन सनातन धर्म मुताबिक उदय तिथि की मान्यता होने से यह 3 फरवरी को मनाई जा रही है. इस दिन पंचमी तिथि होने से यह बहुत ही शुभ फलदायक मानी जा रही है.
सरस्वती पूजा के दिन क्या कर सकते हैं सभी शुभ कार्य?
पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा ने Bharat.one से खास बातचीत करते हुए कहा कि पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा होती है. यह दिन बहुत ही शुभ और फलदायक होता है. पंचमी तिथि के दिन किए गए शुभ कार्य पूर्ण रूपेण संपन्न होता है. साथ ही साथ इस दिन लोग पूजा पाठ अनुष्ठान, उपनयन मुंडन समेत अन्य कई शुभ कार्य आसानी से कर सकते हैं. जबकि विशिष्ट किसी कार्य के लिए पंचांग और तिथि समय के मुताबिक उन कार्यों को किया जाता है. साथ ही साथ वह कहते हैं कि पंचमी तिथि के दिन हम सबों को पूजा अनुष्ठान यज्ञ दान पुण्य समेत अन्य कई शुभ एवं नेक कार्य करने चाहिए जिससे हम सबों को सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति होगी.
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इस दिन ब्याही बेटी की भी कर सकते हैं विदाई
पंडित मनोत्पल झा ने कहा कि सरस्वती पूजा के दिन हम लोग कोई भी शुभ कार्य आसानी से कर सकते हैं. इस दिन सभी किए गए शुभकामनाएं पूर्ण रूपेण संपन्न होता है. साथ ही साथ इस दिन ब्याही बेटी की विदाई भी लोग कर सकते हैं, लेकिन विदाई की यात्रा की दिशा को देखकर उनके काल का निर्धारण कर उनके यात्रा के दिशा को देखकर ही विदाई करना उचित माना गया है.
February 03, 2025, 09:11 IST
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