Last Updated:
Gudi Padwa 2025 Neem Leaf Ritual: बुरहानपुर में गुड़ी पड़वा के दिन नीम के पत्तों की साल में सिर्फ एक बार पूजा होती है. जानिए क्यों होती है इस पत्ते की खास पूजा और क्या है इसका धार्मिक और औषधीय महत्व.
निम के पत्ते की पूजा अर्चना करते हैं लोग
हाइलाइट्स
- गुड़ी पड़वा पर बुरहानपुर में नीम के पत्तों की पूजा होती है.
- नीम के पत्ते खाने से सर्दी, खांसी और बुखार दूर होते हैं.
- यह परंपरा हजारों साल पुरानी और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.
मोहन ढाकले/बुरहानपुर. मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में गुड़ी पड़वा का पर्व सिर्फ नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक नहीं, बल्कि एक अनूठी परंपरा और आस्था का संगम है. यहां नीम के पत्ते की साल में सिर्फ एक दिन, गुड़ी पड़वा पर विशेष पूजा की जाती है. इस दिन लोग नीम के नए कोमल पत्तों की पूजा करते हैं, उसे घर के दरवाजे पर तोरण की तरह बांधते हैं और फिर परिवार के सभी सदस्य उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं.
गुड़ी पड़वा, जो इस साल 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा, को लेकर बुरहानपुर में उत्साह चरम पर है. शहर के अमोल भगत और गजेंद्र पाटील जैसे सामाजिक जानकार बताते हैं कि नीम के पत्ते कड़वे होते हैं, लेकिन ये शुद्ध ऑक्सीजन देने वाले पेड़ का हिस्सा हैं और हमारे आरोग्य और संस्कृति दोनों से गहराई से जुड़े हैं.
लोक मान्यता है कि इस दिन नीम के पत्ते खाने से शरीर की सर्दी, खांसी और मौसमी बुखार जैसी बीमारियां दूर हो जाती हैं. यही वजह है कि बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक, सभी सुबह-सुबह स्नान कर गुड़ी की पूजा करते हैं और फिर नीम के पत्ते खाते हैं.
Bharat.one से बातचीत में अमोल भगत ने बताया, “साल में सिर्फ एक दिन नीम के पत्तों की पूजा होती है. हम इसे भोजन में शामिल कर, न केवल परंपरा निभाते हैं बल्कि स्वस्थ जीवन की दिशा में भी एक कदम बढ़ाते हैं. यह हमारी हिंदू संस्कृति की हजारों साल पुरानी परंपरा है.”
इस दिन बुरहानपुर के हर घर में नीम के पत्तों से बनी तोरण सजावट देखने को मिलती है. यह परंपरा आधुनिकता के बीच भी लोक आस्था और जैविक चिकित्सा के प्रति जागरूकता का संदेश देती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.