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Saharsa Top 7 Sweet Shops: सहरसा के नुनु लाल जलपान गृह, रामानंद दही भंडार, मोजी साह जलपान गृह, संत बाबा कारू स्वीट कॉर्नर और महपुरा के श्री कृष्ण जलपान गृह का दही पेड़ा बेहद प्रसिद्ध है. यहां खाने वालों की भीड़ लगी रहती है.
नुनु लाल जलपान गृह की खासियत यह है कि यहां पर दही पेड़ा और चूड़ा लोगों को खिलाया जाता है, जो इलाके में काफी प्रचलित है. इस प्रतिष्ठान में पेड़ा की डिमांड इतनी अधिक होती है कि सरदार जी बेचते-बेचते थक जाते हैं.
सहरसा जिले के सौरबाजार के रहने वाले पहलवान के नाम चर्चित हरेराम यादव छाछ दही तैयार करते हैं. रामानंद दही भंडार में तैयार छाछ दही का डिमांड न केवल जिले भर में है. बल्कि कई जिलों में होता है. हरेराम के इस उद्योग में घी, पनीर, खुआ ,क्रीम, लस्सी ,दही और छाछ दही तैयार किया जाता है. हरेराम इस छाछ दही को मिट्टी के बर्तन में तैयार करते हैं. देसी अंदाज में तैयार छाछ दही लोगों को खूब पसंद आता है. खाने के बाद मजा आ जाता है और लोगों का मन गदगद हो जाता है. हरिराम दही भंडार में प्रतिदिन 200 किलो से अधिक छाछ दही सहित पनीर की बिक्री होती है. अलग-अलग जगह से लोग आते हैं और खरीदारी करते हैं. अच्छी क्वालिटी और शुद्धता का ख्याल रखते हुए हरेराम छाछ दही को तैयार करते हैं.
सहरसा के महिषी के श्री उग्रतारा स्थान में बना पेड़ा खास तौर पर प्रसिद्ध माना जाता है, मुकेश कुमार के इस दही और पेड़ा पूरे इलाके में प्रसिद्द है. उनके इस प्रतिष्ठान से प्रतिदिन लगभग 50 किलो पेड़ा तैयार हो जाता है, जो शाम होते ही पूरा पेड़ा सफाचट हो जाता है. मुकेश के यहां का दही भी काफी प्रसिद्ध है. प्रतिदिन 150 लीटर दूध की खपत होती है, जिससे पेड़ा, दही, गुलाब जामुन सहित अन्य मिठाइयां तैयार होती हैं. क्योंकि यहां के पेड़े में शुद्ध खुआ इस्तेमाल किया जाता है. इस शुद्धता ने इस क्षेत्र के पेड़े को एक अलग पहचान दी है और लोगों का भरोसा भी मजबूत किया है. इस क्षेत्र के लोगों के बीच मुकेश कुमार को पेड़ा किंग के नाम से जाना जाता है.
अगर आप शादी, विवाह या किसी भी पार्टी-फंक्शन के लिए बड़ी मात्रा में पेड़ा और दही का ऑर्डर देना चाहते हैं, तो सहरसा के महिषी प्रखंड के बरेटा चौक पर स्थित संत बाबा कारू स्वीट कॉर्नर आपके लिए एक परफेक्ट जगह है.
सहरसा जिले का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित दही और पेड़ा का स्थल है. डीबी रोड स्थित मोजी साह जलपान गृह जो जिला परिषद गेट के ठीक सामने स्थित है, यह प्रतिष्ठान जिले में अपनी शुद्धता और परंपरागत स्वाद के कारण बेहद लोकप्रिय है. यहां का दही और पेड़ा सहरसा के लोगों के बीच खास पहचान बन चुका है,मौजी साह बताते हैं कि मोजी साह जलपान गृह की सबसे बड़ी खासियत है. यहां का दही, जो मिट्टी के बर्तनों में तैयार किया जाता है. इस पारंपरिक तरीके से बने दही का स्वाद और भी खास होता है, जो मुंह में जाते ही घुल जाता है. इसी तरह, यहां का पेड़ा भी बड़ा, मुलायम और स्वाद में बिल्कुल निराला होता है, वर्षों से लोग इस जगह पर दही और पेड़े का स्वाद लेने दूर-दराज से आते हैं. यह दुकान अपने ग्राहकों को हमेशा शुद्ध और ताजा उत्पाद उपलब्ध कराती है. यहां के कारीगर परंपरागत विधि से दही और पेड़ा तैयार करते हैं, जिससे इसका स्वाद और गुणवत्ता दोनों बनी रहती है, चाहे त्योहार हो, शादी समारोह या कोई खास मौका, मोजी साह जलपान गृह का दही और पेड़ा हर मौके को खास बना देता है. इस प्रतिष्ठान की लंबी उम्र और लगातार बनी लोकप्रियता यह दर्शाती है कि यहां की मिठाइयों में कोई समझौता नहीं होता, सहरसा में शुद्धता और स्वाद की तलाश हो तो मोजी साह जलपान गृह जरूर जाएं. जहां आपको पुराने ज़माने की मिठास का अनुभव मिलेगा.
महपुरा का पेड़ा अपनी खासियत और लाजवाब स्वाद के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसकी सबसे बड़ी बात पेड़ा का साइज होता है, जो देखने में ही भाता है,इस पेड़े का हर टुकड़ा मुंह में जाते ही धीरे-धीरे घुल जाता है, जिससे खाने वाले को एक अनोखा अनुभव होता है. ऐसा लगता है जैसे मिठास सीधे दिल तक पहुंच रही हो, यही वजह है कि महपुरा का पेड़ा बेहद लोकप्रिय हो चुका है, दूसरी खास बात है इसकी शुद्धता और पारंपरिक विधि से बनाना,महपुरा के पेड़े में ना तो कोई मिलावट होती है और ना ही कोई रासायनिक चीज़ें इस्तेमाल की जाती हैं, इसलिए लोग दूर-दराज से यहां आकर दही और पेड़े का स्वाद लेने जरूर आते हैं, यहां के कारीगर परंपरागत तरीकों के साथ पेड़ा बनाते हैं, जो इसके स्वाद और बनावट को और भी बेहतर बनाता है, महपुरा का पेड़ा सिर्फ स्वाद में ही अलग नहीं है, बल्कि इसकी बनावट भी खास होती है,यह बाजार के अन्य पेड़ों से बिल्कुल अलग होता है, जिसमें सॉफ्टनेस और नमी बनी रहती है.
महपुरा स्थित श्री कृष्ण जलपान गृह में आपको स्वादिष्ट दही और शुद्ध पेड़ा जरूर मिलेंगे,इस प्रतिष्ठान को मणिकांत चला रहे हैं, जो बताते हैं कि इस इलाके का दही और पेड़ा अपनी खासियत के कारण काफी प्रसिद्ध हैं, दूर-दराज से लोग यहां केवल इन खास मिठाइयों का स्वाद लेने आते हैं. राहगीर भी अक्सर यहां रुककर दही और पेड़ा का लुत्फ उठाते हैं और उसे संदेश के रूप में अपने घरों तक ले जाते हैं. मिठाइयों की डिमांड इतनी ज्यादा होती है कि शाम होते-होते पूरा पेड़ा और दही बिक जाता है. श्री कृष्ण जलपान गृह में दही और पेड़ा बड़े पैमाने पर तैयार करते हैं, जिसमें कई कारीगर दिन भर मेहनत करते हैं.
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