उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आने वाले दिन की गणना की जाती है. जब किसी ग्रह का राशि परिवर्तन होता है, तो शुभ और अशुभ परिणाम दोनों बनते हैं. ग्रहों के राजकुमार बुध एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं. इस समय बुध की स्थिति की बात करें. वह वृश्चिक राशि में विराजमान हैं, जहां पर मंगल के साथ युति कर रहे हैं. जब भी दोनों ग्रह अपनी चाल में परिवर्तन या गोचर करते हैं तो उसका प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है.
ग्रहों के राजकुमार, बुध ग्रह, 23 नवंबर की शाम को अपनी चाल बदलकर वक्री होकर पीछे की राशि में गोचर करेंगे. इस गोचर का असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार कुछ राशियों के लिए यह समय चुनौतियों से भरा रहेगा, जबकि कुछ राशियों पर बुध का प्रभाव सकारात्मक और लाभकारी होगा. आइए जानते हैं राशियों पर इसका क्या असर पड़ेगा.
यह राशि वाले जातक को रखना है सावधानी
मेष – इस राशि वालो के लिए बुध ग्रह का वक्री होना काफ़ी अशुभ माना गया है. बुध ग्रह का गोचर तुला राशि के लग्न भाव में होगा. जिससे आर्थिक तंगी से परेशानी का सामना कर पड सकता है. व्यापार में नुकसान के योग्य बन रहे है. वाहन दुर्घटना के भी योग बना हुआ है. इस दौरान यदि आप कोई बड़ा जिम्मेदारी का कार्य करते हैं तो उसमें आपको असफलता मिलेगी. इस दौरान जातकों को विशेष रूप से अपनी वाणी पर ध्यान रखना होगा. किसी को कटु शब्द या अपमानजनक शब्द बिल्कुल भी नही बोलना चाहिए.
उपाय: बुध ग्रह को शांत करने के लिए इस राशि के जातक को गरीबों को दान करना चाहिए. भगवान गणेश की सेवा करना शुभ रहेगा.
कर्क – इस राशि के जातकों को बुध देव की वक्री होने से नुकसान होने के योग बनेंगे. बुध ग्रह के तुला राशि में वक्री होने पर काफ़ी नुकसान होने वाला है. पारिवारिक संबंधों में खींचतान के साथ वैवाहिक जीवन में लड़ाई के योग्य बन रहे हैं. बुध ग्रह के मार्गी होने से तनाव से गुजरना पड़ सकता हैं. अगर आप कहीं व्यापार कर रहे है तो उसमे नुकसान के साथ आर्थिक तंगी के योग्य बन रहे हैं. इससे परेशानी का सामना कर पड़ सकता है. व्यापार में नुकसान के योग्य बन रहै है. वाहन चलाते समय सावधानी रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि दुर्घटना के भी योग बना हुआ है.
उपाय: गणेश भगवान के मंत्रो का जाप करें. गणेश भगवान को हरे रंग की मिठाई का भोग लगाना काफ़ी शुभ होगा. पशुओं को हरा चारा खिलाने से लाभ मिलेगा. बुध ग्रह की मार्गी चाल से होने वाले नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है.
मकर – इस राशि के स्वामी शनि देव हैं और बुध ग्रह के तुला राशि में प्रवेश करने से मकर राशि के जातक को शुभ नहीं माना जायगा. जैसे ही बुध ग्रह वक्री होंगे. तो शारीरिक समस्याएं, कारोबार में नुकसान, मानसिक तनाव आदि सभी होने का योग बन रहे है. इसलिए जो भी कार्य करे सोच समझकर करे. हो सके तो कुछ समय बाद नए कार्य कि शुरुआत करें. किसी को कटु वचन भूल कर भी ना बोले, अन्यथा बड़े विवाद कि वजह से कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने के योग्य बन रहै है.
उपाय: बुध ग्रह को शांत करने के लिए भगवान गणेश जी की सेवा करें. उन्हें हर रंग का भोग लगाए और गरीबों की सेवा करें. उन्हें हरे रंग के वस्त्र भेंट करना शुभ रहेगा.
