देवघर: कल से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही हैं. देवी भक्त घरों में कलश स्थापित कर मां का आह्वान करते हैं, ताकि भगवती प्रसन्न होकर घर में प्रवेश करें और सुख-समृद्धि की वृद्धि करें. लेकिन, कई बार गलत कलश स्थापना से हमारे मनोरथ पूर्ण नहीं हो पाते. शास्त्र के जानकारों का ऐसा मत है कि कलश स्थापना में छोटी सी त्रुटि नौ दिन की पूजा का फल बिगाड़ सकती है. ऐसे में भक्तों को कलश स्थापना के विधान को समझना चाहिए. कलश स्थापना के दौरान कुछ पवित्र सामग्रियां कलश में जरूर डालनी चाहिए.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुदगल ने Bharat.one को बताया कि 3 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा है. पहले दिन सुबह के समय लोग घरों में कलश की स्थापना करेंगे. इसे घटस्थापना भी कहते हैं. लेकिन, कलश स्थापना में कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है. तभी कलश स्थापना पूजा सफल मानी जाती है. कलश स्थापना करते वक्त कलश मे पंचरत्न अवश्य डालना चाहिए. इसके अलावा कुछ और भी जरूरी चीजों का ध्यान रखना चाहिए.
इन चीजों को अवश्य डालें
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. कलश स्थापना करते वक्त ध्यान रखें कि कलश हमेशा मिट्टी या बालू में रखना रखना चाहिए. बालू या मिट्टी के ऊपर जो अवश्य डालें, फिर उसके ऊपर कलश रखना चाहिए. साथ ही कलश में पंचरत्न अवश्य डालें. पंचरत्न में हल्दी, सुपारी, अक्षत, गंगाजल और सर्व औषधि होती है. कलश में पंच पल्लव और सिक्का डालना भी शुभ माना जाता है. इन चीजों को कलश स्थापना करते वक्त अगर कलश में डालते हैं तो माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 3 अक्टूबर यानी नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के दो शुभ मुहूर्त हैं. एक ब्रह्म मुहूर्त है जो सुबह 5 बजे से 7 बजे तक है. वहीं, दूसरा कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त है जो 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है.
FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 14:37 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.