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‘होली मुबारक नहीं है… कसम लगे तुम्‍हें…’ कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने की अपील, कहा ‘हमसे भी न‍िकल जाता है’

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प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने होली पर ‘मुबारक’ शब्द के बजाय ‘शुभेच्छा’ का प्रयोग करने की अपील की है. उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने और ‘सनातन बोर्ड’ बनाने की मांग की है.

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा 'होली मुबारक नहीं है... कसम लगे तुम्‍हें'

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा जो प्रयोग में लाएंगे, वही आपके बच्‍चे भी बोलेंगे.

हाइलाइट्स

  • देवकीनंदन ठाकुर ने ‘मुबारक’ की जगह ‘शुभेच्छा’ कहने की अपील की.
  • उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने की मांग की.
  • होली को नशा और गलत व्यवहार से दूर रखने की सलाह दी.

Katha Vachak Devkinandan Thakur on Holi: प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर एक बार फिर अपने बयान के चलते खबरों में आ गए हैं. उनका कहना है कि सनातन संस्‍कृति में होली मुबारक नहीं, शुभेच्‍छा होती है. उन्‍होंने लोगों से होली के मौके पर एक-दूसरे को शुभकामना देने की अपील की है. वह वृंदावन में इन द‍िनों कथावाचन कर रहे हैं. इस दौरान उन्‍होंने कहा, ‘तुम्‍हें कसम लगे अगर कहोगे ‘होली मुबारक.’ सनातनी शब्‍दों का प्रयोग करों.’ उन्‍होंने कहा जो हम प्रयोग करेंगे, वही बच्‍चे बोलेंगे.’

वृंदावन में कथावाचन कर रहे देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, ‘ज‍ितने भी सनातनी मुझे सुन रहे हैं, तुम्‍हें कसम लगे अगर कहोगे कि ‘होली मुबारक.’ कोई होली मुबारक नहीं, सनातनी शब्‍दों का प्रयोग करो.’ उन्‍होंने आगे सफाई देते हुए ये भी कहा, ‘कई बार हम भी उर्दू बोलते हैं, ऐसा नहीं है.. बीच-बीच में आ जाती है क्‍योंकि इतनी म‍िलावट हो गई है ह‍िंदी में. पर ज‍ितना बच सको बचो. कम से कम तीज त्‍योहारों पर तो बचना ही चाहिए. अपने धर्म, संस्‍कृति और अपने शब्‍दों को अपने तरीके से आगे बढ़ाइए. आप जो प्रयोग में लाएंगे, वही आपके बच्‍चे भी बोलेंगे.’

वहीं आईएएनएस की र‍िपोर्ट के अनुसार देवकीनंदन ठाकुर ने अपने एक बयान में ये भी कहा कि होली, दीपावली, जन्माष्टमी और नवरात्रि जैसे त्यौहार तभी तक मनाए जा सकते हैं, जब तक देश में सनातन धर्म के अनुयायी बहुसंख्यक हैं. उन्होंने पाकिस्तान में 14 साल की बच्ची के साथ हुए अत्याचार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा “अगर ऐसे ही अत्याचार बढ़ते रहे और हम चुप बैठे रहे, तो मुझे नहीं लगता कि आने वाले समय में हम होली मना पाएंगे.’ देवकीनंदन ठाकुर ने सभी से एकजुट होने और सनातन धर्म की रक्षा करने की अपील की. उन्होंने कहा कि “होली को बचाने के लिए हमें संगठित होना होगा. इसलिए, मैं ‘सनातन बोर्ड’ बनाने की मांग करता हूं.’ उन्होंने इच्छा जताई कि अगली होली श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में धूमधाम से मनाई जाए.

होली के सही मायने
देवकीनंदन ठाकुर ने होली को नशा और गलत व्यवहार से दूर रखने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा, “होली खुशी और प्रेम का त्यौहार है, न कि नशा और गुंडागर्दी का. हमें संकल्प लेना चाहिए कि किसी भी त्यौहार पर नशा और जुआ नहीं खेलेंगे.’ वृंदावन के श्री प्रियाकांत जू मंदिर में गुरुवार को उन्होंने हाइड्रोलिक पिचकारी से भक्तों पर रंगों की वर्षा की. यह मंदिर का खास आकर्षण होता है, जहां बीते 8 दिनों से होली का उत्सव चल रहा है.’

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कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा ‘होली मुबारक नहीं है… कसम लगे तुम्‍हें’

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