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129 साल पुराना यह मंदिर, कमाल की यहां की नक्काशी, बनाने में लग गए थे 18 साल, देखकर हो जाएगा हैरान

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Aligarh Dauji maharaj Mandir: अलीगढ़ के महावीर गंज में स्थित 128 साल पुराना दाऊजी महाराज का मंदिर 1896 में लाला कल्याण राज द्वारा स्थापित किया गया था. इस मंदिर की कलाकृतियां बेहद खूबसूरत हैं और इसे बनाने में 18…और पढ़ें

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यूपी के इस प्राचीन मंदिर मे बनी कलाकृतियों के हैं लोग दीवाने

हाइलाइट्स

  • अलीगढ़ में 128 साल पुराना दाऊजी महाराज का मंदिर है.
  • मंदिर की नक्काशी में 18 साल लगे और कारीगर देशभर से आए थे.
  • मंदिर में 41 दिन पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं.

वसीम अहमद /अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर के महावीर गंज इलाके में करीब 128 साल पुराना प्राचीन दाऊजी महाराज का मंदिर स्थित है. यहां भगवान श्री द्वारकाधीश को दाऊजी के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की स्थपना सन 1896 मे लाला कल्याण राज द्वारा की गई थी. इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में जो हाथों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां हैं, वह बेहद खूबसूरत हैं. इन लाजवाब कलाकृतियों को बनाने के लिए देश के कोने-कोने से कारीगरों को बुलाया गया था. जिन्होंने करीब 18 साल की अवधि के बाद इसको पूर्ण रूप से भव्य रूप दिया. कहा जाता कि इस मंदिर में पूर्ण मन से 41 दिन पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं. साथ ही यहां दर्शन करने से ग्रहों के प्रकोप से भी मुक्ति मिलती है.

मंदिर की देखभाल करने वाले सर्वेश कुमार ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना सन 1896 में हुई थी. इसको हमारे परबाबा लाला कल्याण राज जी ने बनवाया था. उनकी मृत्यु के बाद हमारे बाबा ज्वाला प्रसाद जी ने इसकी देखभाल की. उनके बाद हमारे पिताजी रमेश चंद्र जी ने इस मंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी ली. इसके बाद सन 2014 में इसका एक पारिवारिक ट्रस्ट बना दिया गया. तब से इसकी देखभाल मंदिर श्री दाऊजी महाराज ट्रस्ट कर रहा है. यह अलीगढ़ के विशेष मदिरों मे से एक भव्य मंदिर है.

सर्वेश कुमार ने कहा कि इस मंदिर के बारे में हमारे पूर्वजों द्वारा कहा गया है कि कुछ साधु लोग आए थे और हमारे परबाबा को कुछ हीरे जावरात देकर कहा था कि अगर हम अगले 6 महीने में वापस नहीं आए तो इन हीरे जवारत के बदले यहां एक दाऊजी महाराज का मंदिर बनवा दिया जाए. हमारे परबाबा लाला कल्याण राज जी एक साधारण व्यक्ति थे. जब वह साधु लोग 6 महीने तक वापस नहीं आए. तब उन्होंने इस भव्य मंदिर को बनवाना शुरू कर दिया. इस मंदिर के बनते बनते हमारे परबाबा शहर के सबसे धनी लोगों में शुमार हो गए. इन दाऊजी महाराज की कृपा से उनको इतना धन अर्जित हुआ.

इस मंदिर की यही खासियत है कि यहां आने वाले भक्त की जो भी मुराद होती है वह पूर्ण रूप से पूरी होती है. उन पर दाऊजी महाराज की कृपा हो जाती है. अगर बात की जाए इसके कलाकृति की तो इसकी कलाकृति मे करीब 18 साल लग गए थे और देश के कोने-कोने से कारीगर आए थे और अभी भी इसकी कलाकृति देखेंगे तो इसके जैसी कलाकृति शायद पूरे देश के किसी भी मंदिर में देखने को नहीं मिलेगी. इसमें खास बात यह भी है कि उस समय मशीन नहीं हुआ करती थी. यह सारी कलाकृति हाथों द्वारा की गई है. साथ ही इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि यह जो भी अपने कष्ट को लेकर आता है उसके कष्ट तो दूर होते ही हैं. इसके अलावा उसकी तरक्की दिन दुगनी और रात चौगुनी होती है.

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129 साल पुराना यह मंदिर, कमाल की यहां की नक्काशी, बनाने में लग गए थे 18 साल

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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