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Mahamaya Mandir Ghaziabad: गाजियाबाद के मोदीनगर स्थित 400 साल पुराना श्री महामाया देवी मंदिर आस्था का केंद्र है. नवरात्रि में यहां ऐतिहासिक सीकरी मेला होता है. 1857 की क्रांति का ‘शहीदों का वट वृक्ष’ भी यहीं है…और पढ़ें
श्री महामाया देवी मंदिर, सीकरी मोदीनगर.
हाइलाइट्स
- गाजियाबाद का 400 साल पुराना श्री महामाया देवी मंदिर आस्था का केंद्र है.
- नवरात्रि में यहां ऐतिहासिक सीकरी मेले का आयोजन होता है.
- मंदिर में 1857 की क्रांति का ‘शहीदों का वट वृक्ष’ स्थित है.
Mahamaya Mandir Ghaziabad/ गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसा मंदिर है, जो करीब पिछले 400 से भी ज्यादा सालों से आस्था और रहस्यों का केंद्र बना हुआ है. इस मंदिर की मान्यताएं इतनी गहरी हैं कि हर साल यहां विशाल मेले का आयोजन होता है, जहां लाखों भक्त माता के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु मां महामाया देवी के दरबार में सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. एक बार फिर इस भव्य मेले की तैयारियां जोरों पर हैं.
गाजियाबाद के मोदीनगर स्थित श्री महामाया देवी मंदिर में नवरात्रि के दौरान ऐतिहासिक सीकरी मेले का आयोजन किया जाता है. यह मेला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना रहता है. इसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी दीपक मीणा ने देर रात मेला स्थल का निरीक्षण किया. हर साल यहां राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं.
मंदिर में मौजूद ‘शहीदों का वट वृक्ष’
मोदीनगर का यह महामाया देवी मंदिर सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है. यहां एक विशाल वट वृक्ष स्थित है, जिसे ‘शहीदों का वट वृक्ष’ कहा जाता है. मान्यता है कि 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने इस इलाके को चारों तरफ से घेर लिया था. उस समय गांव के लोग अंग्रेजों के हमले से बचने के लिए मंदिर के तहखाने में छिप गए थे, लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें पकड़कर इसी वट वृक्ष पर फांसी पर लटका दिया था. तब से यह वट वृक्ष आज भी 1857 की क्रांति की गवाही देता है.
दुकानदारों के साथ हुआ चमत्कार
मंदिर के बाहर प्रसाद और पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि जो भी मां महामाया देवी से सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. प्रसाद विक्रेता अजय बताते हैं कि एक समय था जब वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे और उनके पास बच्चों की फीस तक भरने के लिए पैसे नहीं थे. तब उन्होंने मंदिर आकर माता रानी के दर्शन किए और सच्चे मन से प्रार्थना की. तभी अचानक उन्हें मंदिर परिसर में प्रसाद बेचने के लिए जगह मिल गई. ये उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था. अब पिछले 15 सालों से अजय मंदिर में ही सेवा कर रहे हैं और माता रानी की कृपा से उन्हें तब से लेकर अब तक कभी किसी चीज की कमी नहीं हुई.
गाजियाबाद की ऐतिहासिक धरोहर बना महामाया देवी मंदिर
गाजियाबाद का यह महामाया देवी मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक धरोहर भी बन चुका है. यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि सैकड़ों सालों के बाद भी इस मंदिर की आभा और मान्यताएं वैसी ही बनी हुई हैं. यह मंदिर गाजियाबाद के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है.
नवरात्रि के दौरान यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है. यदि आप भी माता के दर्शन करना चाहते हैं, तो यहां जरूर जाएं.