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474 वर्षों से जल रही अखंड ज्योत, चित्रकूट के तोता मुखी हनुमान मंदिर में बसी है आस्था की लौ

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मंदिर के पुजारी मोहित के अनुसार तुलसीदास जी ने भगवान श्रीराम के दर्शन और उनके स्मरण में यह दीपक जलाया था. जब श्रीराम लंका विजय के बाद लौटे थे. उन्होंने भी यहां आकर इस ज्योत को प्रज्वलित किया था. तुलसीदास जी ने …और पढ़ें

धर्म नगरी चित्रकूट अपने धार्मिक स्थलों और आस्था से जुड़ी अनोखी परंपराओं के लिए जानी जाती है. यहां का हर मंदिर और हर घाट अपने आप में एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व समेटे हुए है, इन्हीं में से एक है रामघाट स्थित तोता मुखी हनुमान मंदिर जहां आज भी वह अखंड दीपक जल रहा है,जिसे स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने हाथों से प्रज्वलित किया था. सबसे बड़ी बात यह है कि यह दीपक लगातार 474 वर्षों से जल रहा है और भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है.

ये है मान्यता
मान्यता है कि जब तुलसीदास जी बनारस से चित्रकूट आए थे. उन्हें ज्ञात हुआ कि प्रभु श्रीराम रामघाट पर स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं. इसके बाद उन्होंने घाट के पास एक कुटिया बनाई. वहां अखंड ज्योत जलाकर राम नाम का जाप शुरू किया था. समय के साथ यह स्थान तोता मुखी हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया है.

पुजारी ने दी जानकारी 
मंदिर के पुजारी मोहित के अनुसार तुलसीदास जी ने भगवान श्रीराम के दर्शन और उनके स्मरण में यह दीपक जलाया था. जब श्रीराम लंका विजय के बाद लौटे थे. उन्होंने भी यहां आकर इस ज्योत को प्रज्वलित किया था. तुलसीदास जी ने इस ज्योत को अखंड रूप से जलाए रखा और करीब 21 वर्षों तक यहीं रहकर तपस्या की थी. आज भी यह दीपक बिना बुझे निरंतर जल रहा है. श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस ज्योत के दर्शन मात्र से जीवन में सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. मन को शांति मिलती है. यही कारण है कि देशभर से भक्त यहां पहुंचते है.

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474 वर्षों से जल रही अखंड ज्योत, तोता मुखी हनुमान मंदिर में बसी आस्था की लौ

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