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Amalaki Ekadashi Kab hai: कब है आमलकी एकादशी? इस दिन पूजा करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, खुश हो जाएंगे नाराज पितृ!

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Amalaki Ekadashi Kab hai: आमलकी एकादशी बहुत जरूरी मानी जाती है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने बताए एकादशी के लिए टिप्स.

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एकादशी 

हाइलाइट्स

  • आमलकी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी.
  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पूजा करें.
  • एकादशी पर चावल का सेवन न करें.

Amalaki Ekadashi Kab hai: सनातन धर्म एकादशी तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है. प्रत्येक एकादशी भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती है. एकादशी तिथि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान विष्णु के निमित्त पूजा आराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है. प्रत्येक वर्ष फागुन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है.

इस दिन सभी नियमों का पालन करते हुए भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना का विधान है. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि कब है आमलकी एकादशी और क्या है शुभ मुहूर्त .

आमलकी एकादशी 2025 की डेट
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि फागुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 मार्च को रात्रि 7:45 से शुरू होकर 10 मार्च को सुबह 7:44 पर समाप्त होगा. पंचांग के अनुसार 10 मार्च को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

आमलकी एकादशी पर क्या करें?
एकादशी तिथि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. साफ अथवा पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए. उसके बाद एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए देसी घी का दीपक जलाना चाहिए. श्री हरि का अभिषेक करना चाहिए पीला फूल और माला गोपी का चंदन अर्पित करना चाहिए.

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पूजा में तुलसी पत्र को भी शामिल करना चाहिए इसके बाद भगवान विष्णु को पंचामृत फल और मखाने की खीर का भोग लगाना चाहिए. अम्ल की एकादशी का पाठ करना चाहिए भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

भूलकर भी न खाएं चावल
एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें. ऐसा करने से पाप लगता है. पंडित कल्कि राम ने कहा कि एकादशी से दिन चावल खाने से पाप लगता है.

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कब है आमलकी एकादशी? इस दिन पूजा करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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