Amila Devi Temple: घने जंगल में स्थित मां अमिला देवी धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का हर रोज तांता लगा रहता है. यूपी के आखिरी छोर पर स्थित मां अमिला का धाम लोगों के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है. यही वजह है कि यहां दर्शन करने यूपी के अतिरिक्त बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से भी लोगों की भीड़ आती है.
सोनभद्र जनपद के सबसे ऊंची श्रृंखला पर अत्यधिक ऊंचाई पर मौजूद है अमिला मंदिर. यह मंदिर नभद्र नगर मुख्यालय राबर्ट्सगंज से तकरीबन 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है.
हर दिन लगती है भक्तों की भीड़
इस मंदिर की मान्यता है कि माता रानी से आप सच्चे मन से जो कुछ भी मांगते हैं, माता रानी सभी मनोरथ पूरी करती है. यही वजह है कि यहां साल के पूरे 365 दिनों तक भक्तों के आने का क्रम जारी रहता है. सैकड़ों फिट की ऊंचाई पर मंदिर परिसर के आस पास पेयजल समेत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं.
सालों पुराना है इतिहास
इस संबंध में गुप्त काशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि यमलो संत की नाराम जी की शिष्या थी. उनके द्वारा ॐ पर्वत पर शिव लिंग की स्थापना कर साधना की जा रही थी. उसी दौरान अमिला का देहावसान हो गया. इस दौरान जब वह ध्यान से उठे और ध्यान लगाकर देखा तो अमिला का शरीर यहां आ चुका था.
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तभी से संत की नाराम जी द्वारा यह आशीर्वाद दिया गया है. इसके बाद से जो भी इनसे कोई कामना करेगा, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होगी. यही वजह है कि इस स्थान पर आज भी दूर दराज से भक्त आशीर्वाद लेने आते रहते हैं.
FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 11:59 IST
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