सनातन धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा को समर्पित होता है.
Annapurna Jayanti 2024: सनातन धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा को समर्पित होता है, इस दिन हम विधि-विधान से मां अन्नपूर्णा की पूजा करते हैं और उनसे घर में बरकत बनी रहने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इस दिन मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के भोग भी लगाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा का मिट्टी के बर्तन में भोग लगाने का विशेष महत्व माना जाता है. आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
इसलिए मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने का है महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ में मिट्टी के बर्तनों में ही खाना बनाने की परंपरा चली आ रही है. मिट्टी के बर्तनों में ना सिर्फ खाना बनता है बल्कि देवी-देवताओं को भोग भी मिट्टी के बर्तनों में ही लगाया जाता है. क्योंकि मिट्टी से बने बर्तन शुभ और शुद्ध माने जाते हैं.
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बात करें तो मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने और खाने से बुध और चंद्रमा ग्रह दोनों ठीक होते हैं. क्योंकि मिट्टी के बर्तन बुध और चंद्रमा के कारक माने जाते हैं. इसलिए माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा को मिट्टी के बर्तन में खाना बनाकर भोग लगाया जाए तो माता बेहद प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा भी बरसाती हैं.
इसके साथ ही अगर मिट्टी के पवित्र बर्तनों में अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा को भोग लगाया जाए तो ऐसे में आपके घर का अन्न भंडार कभी खाली नहीं रहता और इससे परिवार के सभी सदस्य निरोगी रहते हैं और उन्हें सदैव के लिए रोगदोष से छुटकारा मिलता है.
FIRST PUBLISHED : December 15, 2024, 01:01 IST
