How To Effect Rahu: कई बार इंसान को लगता है कि वह अपनी मर्जी से कुछ कर रहा है – चाहे वो स्मोकिंग हो, शराब पीना हो, गुटखा खाना हो या नशे जैसी दूसरी चीज़ें, लेकिन असल में यह सब एक बहुत गहरे ग्रहीय असर का हिस्सा होता है, जिसे आम भाषा में राहु का प्रभाव कहा जाता है. जब राहु ज़्यादा हावी हो जाता है, तो इंसान का सोचने और समझने का तरीका बदलने लगता है. उसे सही और ग़लत में फर्क समझ नहीं आता. वो अपने बनाये हुए सच में जीने लगता है और धीरे-धीरे अच्छे लोग, सही रास्ते और साफ सोच उसकी ज़िंदगी से दूर हो जाते हैं. आइए इस विषय में विस्तार से जानते हैं ज्योतिष आचार्य रवि पाराशर से.
राहु कोई सामान्य ग्रह नहीं है. यह इंसान के अंदर छुपे भ्रम, लालच, गलत इच्छाओं और नकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु मज़बूत या गलत जगह बैठा हो, तो वह धीरे-धीरे उसे अपनी पकड़ में ले लेता है. उस समय इंसान को कोई भी समझाने वाला, रोकने वाला या रास्ता दिखाने वाला अच्छा इंसान नहीं भाता हैं.
अकेलापन और अपनी ही दुनिया
राहु का असर जब गहरा होने लगता है, तो इंसान अपने ही बनाए हुए विचारों में जीने लगता है. उसे ऐसा लगता है कि वही सही है और बाकी सब ग़लत. ऐसे में वह दूसरों की बात नहीं सुनता, तर्क-कुतर्क करता है और समाज से कटने लगता है. उसका ध्यान सिर्फ उन लोगों की तरफ़ जाता है जो उसी जैसे सोचते हैं – भटके हुए, गुस्सैल या असंतुलित हैं.
नशा और गंदी आदतों की शुरुआत
राहु इंसान को धीरे-धीरे नशे की तरफ़ खींचता है. चाहे वो शराब हो, सिगरेट हो, ड्रग्स हों या गुटखा – इन सबकी आदतें राहु की देन मानी जाती हैं. यह सब सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी इंसान को जकड़ लेता है. उसे लगता है कि यह सब करने से वह राहत पा रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर वह और टूटता चला जाता है.
सही मार्गदर्शन का छूट जाना
जब राहु ज़्यादा सक्रिय होता है, तो वह सबसे पहले उस इंसान की ज़िंदगी से गुरु यानी अच्छे मार्गदर्शक को हटा देता है. ऐसे लोग जो सही सलाह दे सकें, जिनसे इंसान कुछ सीख सके, वह दूर होते चले जाते हैं. तब इंसान खुद को ही सबसे बड़ा जानकार समझने लगता है, और यहीं से गिरावट शुरू हो जाती है.
सोच में गंदगी और उलझन
राहु का असर सिर्फ बाहरी नहीं होता, वह अंदर भी चलता है. ऐसे व्यक्ति के मन में गंदे विचार, भ्रम, शक और बेचैनी बनी रहती है. वो हर बात में बहस करता है, हर सही बात को भी उल्टा देखने लगता है. उसे किसी की नीयत सही नहीं लगती और वह हर बात को लेकर शक करने लगता है.
उपाय क्या हैं?
इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए सबसे ज़रूरी है. सच्चे मन से बदलाव की इच्छा राहु के असर को कम करने के लिए ध्यान, योग, संतों के साथ समय बिताना और नशे से दूरी बनाना बहुत मदद करता है. इसके अलावा अपने जीवन में अच्छे लोगों को दोबारा लाना, सही किताबें पढ़ना और खुद को रोज़ जांचते रहना भी जरूरी है.
