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Ayodhya Parikrama 2024: आखिर 14 और 5 कोसी की परिक्रमा क्या है? लाखों श्रद्धालु बनते हैं हिस्सा, जानें मान्यता  

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Ayodhya Parikrama 2024: कार्तिक के इस पवित्र महीने में अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. कार्तिक माह में अयोध्या में पारंपरिक 14 और पंचकोशी की परिक्रमा होती है. मुख्य रूप से अयोध्या में तीन प्रकार की परिक्रमा होती है लेकिन 14 कोसी और पंचकोसी की परिक्रमा में कई लाख श्रद्धालु अयोध्या के सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अयोध्या की इन परिक्रमा में क्या अंतर है और क्या महत्व होता है?

अयोध्या की 14 कोसी की परिक्रमा
कार्तिक माह के अक्षय नवमी तिथि को अयोध्या में 14 कोसी की परिक्रमा साल में एक बार होती है. 14 कोसी परिक्रमा में 42 किलोमीटर अयोध्या के सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा की जाती है. 14 कोस की परिक्रमा अयोध्या क्षेत्र में की जाती है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं. सरयू में स्नान करने के बाद भक्त परिक्रमा शुरू करते हैं .

जानें पंच कोसी की परिक्रमा के बारे में
दूसरी तरफ देवउठनी एकादशी तिथि के दिन से अयोध्या में पांच कोस की परिक्रमा शुरू होती है. पंच कोसी की परिक्रमा अयोध्या धाम के क्षेत्र में होती है, जो लगभग 10 से 15 किलोमीटर की होती है. पंचकोसी की परिक्रमा करने से कहा जाता है कि समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है. पंच कोसी की परिक्रमा में 25 से 30 लाख श्रद्धालु शामिल होते हैं.

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महंत शशिकांत दास ने दी जानकारी
राम कचहरी मंदिर के महंत शशिकांत दास ने बताया कि परिक्रमा की धार्मिक मान्यता ये है कि 14 लोक में जीव को भ्रमण करना पड़ता है. जो लोग नियम पूर्वक 14 कोसी की परिक्रमा धार्मिक स्थल अयोध्या मथुरा में करते हैं, उनको अच्छे पुण्य की प्राप्ति भी होती है. साथ ही जन्म-जन्मांतर जीवन में कोई समस्या नहीं आती. पंच कोसी की परिक्रमा करने से समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है. पांच कोस की परिक्रमा अयोध्या धाम की सांस्कृतिक सीमा में की जाती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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