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Bad Planet Effect: कुंडली में खराब ग्रहों का जीवन पर क्या असर पड़ता है, ज्योतिष से जानें

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Bad Planet Effect : ग्रह नक्षत्र का जीवन में महत्व है. सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रहों के खराब होने पर विभिन्न समस्याएं होती हैं. ज्योतिषी की सलाह से उपाय करें.

Bad Planet Effect: कुंडली में खराब ग्रहों का जीवन पर क्या असर पड़ता है?

Bad Planet Effect : किसी भी व्यक्ति के जीवन में ग्रह नक्षत्र का बहुत अधिक महत्व होता है. जब कोई व्यक्ति पैदा होता है तो आसमान में ग्रह नक्षत्र की चाल के आधार पर उसकी जन्म कुंडली का निर्माण होता है. ज्योतिष में हर ग्रह का अपना अलग महत्व है. हमारे जीवन में हर ग्रह किसी न किसी तरह हमारे शरीर, रिश्ते और दैनिक जिम्मेदारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. जब कुंडली में कोई ग्रह अच्छा हो जाता है तो उससे संबंधित चीजे जीवन में अच्छी रहती है. जो ग्रह खराब हो जाता है उससे संबंधित चीजे जीवन में कष्ट देती हैं. खराब ग्रहों का हमारे शरीर, मन, मस्तिष्क पर पूरा असर पड़ता है. उसे ग्रह से संबंधित रिश्ते खराब हो जाते हैं. उसे ग्रह की वजह से जो बीमारी हमारे शरीर के जिस अंग में होनी होती है वह शुरू हो जाती है. इसलिए हमें अपने ग्रह नक्षत्र से संबंधित उपाय समय-समय पर किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह से करते रहना चाहिए. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस खराब ग्रह का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है.

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  1. सूर्य : यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह खराब है तो उसे जातक की अपने पिता से बहस होती रहेगी उनके बीच में वैचारिक मतभेद भी रहेंगे. किसी भी कारण से पिता पुत्र को दूर रहना पड़ सकता है.
  2. चंद्रमा : यदि किसी की जन्म कुंडली में चंद्र ग्रह खराब परिणाम दे रहा है, तो घर के अंदर पानी की बर्बादी होती रहेगी. माता से संबंध खराब रहेंगे अथवा माता का स्वास्थ्य पीड़ित रहेगा. मानसिक रूप से ऐसा जातक बहुत अशांत रहता है.
  3. मंगल : जिस जातक की कुंडली में मंगल खराब परिणाम दे रहा हो ऐसा जातक बात-बात पर बेवजह गुस्सा करता है. उसको ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियां रहती हैं. भाई बंधुओ से भी उसके संबंध अच्छे नहीं रहते हैं.
  4. बुध : जिन जातकों की जन्म कुंडली में बुध ग्रह खराब परिणाम देता है ऐसी जातकों की वाणी में समस्या होती है. तुतलाहट, हकलाहट के साथ स्किन से संबंधित रोग और बहन हुआ आदि से संबंध खराब रहते हैं. साथ ही इनकी नसों में काफी समस्या रहती है.
  5. गुरु : जन्म कुंडली में बृहस्पति की खराब स्थिति की वजह से जातक का भाग्य उसका साथ नहीं देता है. उसके जीवन में सदैव एक अच्छे मार्गदर्शक की कमी रहती है. वह जगह-जगह अपना ज्ञान बांटता है और उसकी कदर नहीं होती है. ऐसे जातकों को विवाह आदि में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
  6. शुक्र : यदि जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह खराब अवस्था में है तो ऐसे जातकों के रिश्ते किसी से भी सामान्य नहीं रहते हैं खासकर पत्नी के साथ उनके संबंध खराब रहती हैं वह अनैतिक संबंधों में लिप्त रहकर भी अपने पारिवारिक रिश्तों को खराब कर देते हैं.उनका महिलाओं और पुरुषों के प्रति आकर्षण अतिरिक्त होता है. ऐसे जातकों के अंदर वासना की अधिकता होती है.
  7. शनि : जिन जातकों की कुंडली में शनि ग्रह खराब परिणाम देते हैं उनको नींद बहुत आती है. ऐसे जातकों के अंदर आलस बहुत ज्यादा भरा होता है. साथ ही समय-समय पर उनके मुंह में थूक बहुत आता है. यह लोग गंदे, मैंले रहना पसंद करते हैं.
  8. राहु : कुंडली में राहु ग्रह खराब होने की वजह से लोगों को नशे की लत लग जाती है. ऐसे लोग समाज में बार-बार अपमान का सामना करते हैं. शेर, लॉटरी या शॉर्टकट से धन कमाने की इच्छा रखते हैं इसलिए इन्हें बार-बार धन हानि का सामना करना पड़ता है.
  9. केतु : जन्म कुंडली में यदि केतु ग्रह खराब परिणाम देता है तो जातक बहुत बेचैन और किसी वजह से तड़पता रहता है. ऐसा जातक बहुत अधिक मानसिक घुटन महसूस करता है. अध्यात्म में उसका मन होने के बाद भी वह भटक जाता है.
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