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Bhai Dooj: कल है भैया दूज, जानें पूजा की थाली से लेकर तिलक तक…हर छोटी-बड़ी बात, जो हर बहन को जाननी चाहिए

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Bhaidooj Pooja Vidhi 2025: भाई दूज 2025 पर, बहनों को भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना के लिए पूजा करती है. यह परंपरा यमराज और यमुना की कथा पर आधारित है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. जानिए इस साल भाई दूज का शुभ मूर्हत ओर पूजा विधि.

Bhaidooj 2025: भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व इस बार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना के लिए पूजा करती हैं और भाई उन्हें उपहार और आशीर्वाद देते हैं. इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है क्योंकि इस त्यौहार की कथा यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी हुई है. इस बार भी बहनों के मन में यह संशय है कि वह अपने भाई को सुरक्षा का धागा किस समय बांधें और किन बातों का ध्यान रखें.

जिसको लेकर Bharat.one की टीम ने अंबाला के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित दीप लाल जयपुरी से बात की, जिन्होंने बताया कि भाई दूज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह से रात 10:58 बजे तक रहेगा. सबसे उत्तम मुहूर्त दोपहर 12:48 से 3:28 बजे तक और संध्या काल में गोधूलि बेला में है.

यम और यमुना से जुड़ी है कथा
भाई दूज की खास मान्यता के बारे में पंडित दीप लाल जयपुरी ने कहा कि भगवान सूर्य और छाया माता के दो संतान थे, यमराज और यमुना. कथा के अनुसार माता यमुना अपने भाई को बार-बार घर आने का निमंत्रण देती थीं, लेकिन यमराज व्यस्तता के कारण नहीं जा पाते थे. एक बार जब यमराज अपनी बहन के आग्रह पर कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना के घर पहुंचे, तो यमुना ने स्नान करवाकर उनका तिलक किया और आरती उतारी. इस अवसर पर यमराज ने आशीर्वाद दिया कि जो बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करेगी, उसके भाई की आयु बढ़ेगी. तभी से भाई दूज का पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई.

इस तरह करें भाई दूज कर पूजा
भाई दूज के दिन सबसे पहले प्रातःकाल स्नान करना चाहिए और स्नान के पानी में गंगाजल या यमुना नदी का जल मिलाना शुभ माना जाता है. इसके बाद बहनें गोबर या मिट्टी की बनी दूज की पूजा करें जिसमें भगवान गणेश और यम देवता का पूजन शामिल होना चाहिए. पूजा के बाद भाई को लकड़ी के पाटे पर बैठाकर हल्दी, चावल और रोली से तिलक करें और हाथ में कलावा बांधें. भाई को मिठाई खिलाएं और उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें.

पूजा की थाली को पहले गंगा जल से पवित्र करना चाहिए और उसमें पीतल, कांसा या चांदी की थाली, रोली, चंदन, घी का दीपक, सूखे मेवे, मिठाई और नारियल रखना शुभ होता है.

पूर्व दिशा की ओर करें मुख
पंडित दीप लाल जयपुरी ने बताया कि पूजा के समय भाई पूर्व दिशा की ओर बैठें और बहनें कलावा बांधते समय अपने इष्ट भगवान का जाप कर सकती हैं. तिलक और आरती के बाद बहनें भाई को मिठाई खिलाएं और उसके बाद ही स्वयं भोजन या पानी ग्रहण करें.

Seema Nath

सीमा नाथ पांच साल से मीडिया के क्षेत्र में काम कर रही हैं. मैने शाह टाइम्स, उत्तरांचल दीप, न्यूज अपडेट भारत के साथ ही Bharat.one ( नेटवर्क 18) में काम किया है. वर्तमान में मैं News 18 (नेटवर्क 18) के साथ जुड़ी हूं…और पढ़ें

सीमा नाथ पांच साल से मीडिया के क्षेत्र में काम कर रही हैं. मैने शाह टाइम्स, उत्तरांचल दीप, न्यूज अपडेट भारत के साथ ही Bharat.one ( नेटवर्क 18) में काम किया है. वर्तमान में मैं News 18 (नेटवर्क 18) के साथ जुड़ी हूं… और पढ़ें

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कल है भैया दूज, यहां जानें पूजा की थाली से लेकर तिलक तक…हर जरूरी बात

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