पूर्णिया:- भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भैया दूज होता है. वही भैया दूज को भ्रात द्वितीय के नाम से भी कई लोग जानते हैं. इस दिन भाई अपने बहन के घर जाकर विधि-विधान से न्योता लेने की परंपरा को पूरी करते हैं और बहन के घर अन्न ग्रहण करते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख, शांति, संपदा और भाई-बहन का प्रेम बना रहता है.
पूर्णिया के पंडित उदय कांत झा Bharat.one को बताते हैं कि इस बार भैया दूज यानी भ्रात द्वितीया का पर्व मिथिला पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष दिन रविवार द्वितीया तिथि को मनाया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि द्वितीया तिथि का प्रवेश 2 नवंबर को रात 7:10 मिनट पर होगा, जो अगले दिन तीन नवंबर को रात्रि के 8:32 मिनट तक रहेगा. वहीं 3 नवंबर को लोग भैया दूज का पर्व मनायेंगे.
भैया दूज मनाने की क्या है पौराणिक परंपरा
पंडित उदय कांत झा Bharat.one को आगे बताते हैं कि भैया दूज मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. भैया दूज का पर्व सनातन धर्म में लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. वहीं इस पर्व की पौराणिक मान्यता यमराज और यमुना से जुड़ी है. इस दिन यम देवता अपनी बहन यमुना के घर जाकर विधि विधान से न्योता लेते थे और अपनी बहन के घर बने हुए अन्न को ग्रहण किया था, तब से ही भैया दूज का यह पर्व मनाया जाना जाने लगा है. हालांकि ये पर्व से भाई-बहन का अटूट विश्वास का प्रतीक है.
भैया दूज मनाने के लिए शुभ मुहूर्त
पंडित जी कहते हैं कि इस बार भैया दूज का व्रत 3 नवंबर को मनाया जाएगा. इस व्रत के लिए मिथिला पंचांग के अनुसार, शुभ मुहूर्त दिन के 11:30 बजे से शुरू होकर 3:30 शाम तक रहेगा. इस दौरान बहन अपने भाई को विधि विधान से तिलक लगाकर भैया दूज का पर्व मना सकती है. भैया दूज के व्रत में हर भाई अपनी बहन के घर जाकर उनसे न्योता लेकर उनके घर जल और अन्न ग्रहण करते हैं और अपने सामर्थ्य के मुताबिक बहनों को उपहार देकर उनका आशीर्वाद लेते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि बहन बड़ी हो या छोटी, इस दिन बहन का आशीर्वाद हर भाई के लिए बहुत जरूरी होता है.
FIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 12:51 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.