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Chhath 2024: छठव्रती आम की लकड़ी से क्यों धोती हैं अपने दांत? जानें धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक कारण

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पूर्णिया. लोक आस्था का महापर्व छठ बिहार समेत उत्तर प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. छठ में आम को सबसे पवित्र माना जाता है. शास्त्रों में आम का बहुत महत्व है इससे दातुन करने से मुंह से खून नहीं आता साथ ही साथ गैस की समस्या भी दूर होती है. इसलिए इसे व्रत में भी इस्तेमाल करते हैं.

जानकारी देते हुए पंडित दयानाथ मिश्र बताते हैं कि छठ महापर्व में साक्षात सूर्य देव की आराधना की जाती है, जिससे लोगों को ऊर्जा प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि इस पर्व से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, जिनमें से एक खास मान्यता है कि छठव्रती आम की दातुन से मुंह धोती हैं. इसके पीछे यह कारण है कि आम की दातुन से मुंह धोने पर मसूड़ों से खून नहीं निकलता. आम का पेड़ अत्यंत पवित्र माना जाता है और शुभ कार्यों जैसे विवाह, जनेऊ और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में आम की लकड़ी और फल का विशेष महत्व होता है.

इससे छठ व्रती को नहीं होती कोई परेशानी
पूर्णिया के पंडित दयानाथ मिश्र बताते हैं कि हिंदू धर्म में आम को सर्वोत्तम माना गया है. पंचपल्लव में भी आम को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, और इसका स्वाद भी अन्य फलों से अलग और श्रेष्ठ होता है, जिस कारण इसे “फलों का राजा” कहा जाता है. आम की कोमलता के कारण व्रत करने वाले लोगों के लिए इसे विशेष रूप से उपयुक्त माना गया है, ताकि दांत और मसूड़ों पर किसी तरह का दबाव न पड़े और व्रती को किसी भी प्रकार का कष्ट न हो.
पंडित मिश्र ने यह भी बताया कि आम की दातुन गैस की समस्या को कम करने में सहायक होती है. चूंकि छठ व्रत के दौरान व्रती लगातार चार दिनों तक उपवास रखते हैं, ऐसे में गैस की समस्या होना आम बात है. आम की दातुन का उपयोग इस समस्या को दूर रखता है, जिससे व्रती का मन प्रसन्न और प्रफुल्लित रहता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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