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chhath puja 2025 vrat 36 hours waterless fasting what to do if it breaks to avoid dosh | 36 घंटे चलने वाले छठ पूजा का निर्जला व्रत अगर टूट जाए तो घबराएं नहीं, ऐसे करें प्रायश्चित

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Chhath Puja 2025: छठ पूजा का भाव केवल शरीर से नहीं, मन से जुड़ा होता है. इसलिए अगर किसी भक्त से मजबूरी में व्रत टूट जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं होती. बहुत से लोग घबराहट में गलत फैसले ले लेते हैं इसलिए अगर व्रत टूट जाता है तो कुछ चीजों को करने की आवश्यकता है.

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Chhath Puja Vrat 2025: लोकआस्था का चार दिवसीय पर्व छठ की शुरुआत 25 अक्टूबर दिन शनिवार से हो रही है और इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. छठ महापर्व चार दिन तक चलता है और इस दौरान सूर्यदेव और छठी मैया का पूजा की जाती है. बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में छठ पूजा सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था का सबसे बड़ा उत्सव है. इस दिन भक्तजन 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखकर परिवार और संतान की उन्नति के लिए कामना करते हैं. कहा जाता है कि जो मन से यह व्रत रखता है, छठी मैया उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. हालांकि ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है लेकिन कई बार थकान, कमजोरी या सेहत बिगड़ने की वजह से व्रत बीच में टूट जाता है. ऐसे में लोगों के मन में डर बैठ जाता है कि क्या अब छठी मैया नाराज होंगी या व्रत अधूरा रह गया तो दोष लगेगा?

सूर्य देव और छठी मैया की आराधना
छठ महापर्व के दूसरे दिन महिलाएं निर्जला व्रत की शुरुआत करती हैं और अंतिम दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं. यह पर्व सूर्य उपासना का सर्वोच्च उत्सव माना गया है, जहां सूर्य देव और छठी मैया (उषा या प्रत्यूषा देवी) की आराधना की जाती है. इसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करना तथा जीवन में सूर्य की दिव्य ऊर्जा को ग्रहण करना है. छठ व्रत में व्यक्ति सूर्यास्त और सूर्योदय दोनों कालों में अर्घ्य देता है.

36 घंटे वाला व्रत
छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन उपवास, तीसरे दिन निर्जला उपवास और चौथे दिन पारण किया जाता है, जिससे शरीर से तमोगुण का नाश और तेजोमय गुण का उदय होता है. 36 घंटे तक चलने वाले यह व्रत भक्त से मजबूरी में टूट जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं होती. दरअसल, धर्मशास्त्रों में ऐसे हालात के लिए प्रायश्चित (प्रायश्चित्त) का जिक्र मिलता है यानी व्रत का सम्मान बनाए रखने का एक तरीका.

व्रत टूटने पर करें यह काम
सबसे पहले स्नान करें और शांत मन से छठी मैया के सामने दीप जलाएं. उनसे कहें कि हे छठी मैया, मुझसे अनजाने में गलती हुई है, कृपा कर मुझे क्षमा करें और व्रत को चलने दें. अब घर के बड़े बुजुर्गों या किसी पंडित से इसके बारे में भी सलाह ले सकते हैं और कुछ दान भी कर सकते हैं, यह केवल एक प्रायश्चित का तरीका है. मन में यह विचार लाने की जरूरत नहीं है कि अगर व्रत टूट गया है तो कुछ अनहोनी हो सकती है. ध्यान रखें कि मां कभी भी अपने बच्चों को कष्ट नहीं पहुंचा सकती है, मां का यह काम नहीं हैं. मां के पास भक्तों को देने के लिए केवल ममता है और वह भक्तों को ममतामयी आशीर्वाद प्रदान करती हैं. अगर आप व्रत जारी नहीं रखना चाहते हैं तो अगले दिन फिर से व्रत का संकल्प लेकर नियमों का पालन करते हुए उपवास शुरू कर दें.

छठ पूजा तिथियां 2025
छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय – 25 अक्टूबर, दिन शनिवार
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना – 26 अक्टूबर, दिन रविवार
छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य – 27 अक्टूबर, दिन सोमवार
छठ पूजा का चौथा दिन ऊषा अर्घ्य – 28 अक्टूबर, दिन मंगलवार

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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