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Devraha Baba : देवराहा बाबा एक दिव्य संत थे जिन्होंने 500 साल तक जीवित रहने का रिकॉर्ड बनाया. ऐसी लोक मान्यता है. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेता उनके पास जाते थे. बाबा ने कांग्रेस पार्टी को नया चुनाव निश…और पढ़ें

500 साल तक जीवित रहे देवराहा बाबा
हाइलाइट्स
- देवराहा बाबा ने 500 साल तक जीवित रहने का रिकॉर्ड बनाया.
- इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे नेता उनके पास जाते थे.
- बाबा ने कांग्रेस को ‘हाथ का पंजा’ चुनाव निशान दिया.
Devraha Baba : भारत ऋषि – मुनियों और साधु,- संतों का देश रहा है. समय-समय पर भारत में अनेकों दिव्या संतों ने अवतार लिया है. जिनकी महिमा अपरंपार रही है. समय-समय पर साधु संतों ने देश के अंदर अपना जलवा और चमत्कार दिखाया है. ऐसे ही एक दिव्य और महा संत देवराहा बाबा हुआ करते थे. देवरहा बाबा बहुत ही सिद्ध पुरुष और योगी माने जाते हैं. इन्होंने अपनी सिद्धि और योग के बल पर करीबन 500 साल तक पृथ्वी पर जिंदा रहने का रिकॉर्ड बनाया था. ऐसी लोक मान्यता है. देश और दुनिया की बड़ी-बड़ी हस्तियां और फिल्मी सितारे और अधिकारी उनके भक्त होते थे. देवरा बाबा बहुत ही शांत और सहज स्वभाव के व्यक्ति थे. आमजन से लेकर उद्योगपति और नेता एवं फिल्मी सितारे सब उनके पास उनके आशीर्वाद के लिए आते थे. आई देवराहा बाबा की कुछ ‘चमत्कारों’ के बारे में जानते हैं.
कौन थे देवराहा बाबा : देवरहा बाबा बहुत ही चमत्कारी पुरुष थे. हालांकि उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी चमत्कार या सिद्धि का दावा नहीं किया. बाबा कहीं भी जाने के लिए किसी भी वाहन आदि का इस्तेमाल नहीं करते थे. वृंदावन में यमुना किनारे हुए आधा घंटे से अधिक तक पानी में बिना सांस लिए रह लेते थे. दावा किया जाता है कि बाबा पानी के ऊपर बहुत आसानी से चल लेते थे.
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सबको देते थे प्रसाद : बाबा हमेशा लकड़ी के मकान पर बैठकर लोगों को आशीर्वाद और प्रसाद दिया करते थे. उसे मचान पर बाबा के पास कुछ भी रखा नहीं होता था फिर भी बाबा लोगों के हाथों में प्रसाद दे देते थे. बाबा ना सिर्फ मनुष्य की मन की बात जान जाते थे, बल्कि वह जानवरों की भाषा और बोली को समझकर उन जंगली जानवरों को भी अपने बस में कर लेते थे.
कांग्रेस पार्टी को दिया चुनाव निशान : देश जब आपातकाल के तौर से गुजर रहा था. उसके बाद चुनाव हार चुकी इंदिरा गांधी देवराहा बाबा के पास आशीर्वाद लेने पहुंच गयीं. कांग्रेस पार्टी का सिंबल फ्रीज हो चुका था. जब बाबा ने अपने हाथ उठाकर पंजे से इंदिरा गांधी को आशीर्वाद दिया तो नये सिंबल की इंदिरा गांधी की तलाश पूरी हुई. उसके बाद इंदिरा गांधी ने तय किया कि कांग्रेस पार्टी का चुनाव निशान हाथ का पंजा होगा. 1980 में इंदिरा जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने इसी चुनाव निशान पर बहुत ही प्रचंड बहुमत से चुनाव जीता और वह देश की पुनः प्रधानमंत्री बनी.
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जब कैंसिल हुआ राजीव गांधी का प्रोग्राम : एक बार देवराहा बाबा से मिलने के लिए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पहुंचना था. बाबा के मचान के नजदीक एक बबुल के पेड़ को काटने का निर्देश इसलिए दिया गया कि वहां राजीव गांधी का हेलीकॉप्टर उतरेगा. बाबा ने अधिकारी को बुलाया और उसे पेड़ काटने के लिए मना किया. अधिकारियों ने प्रार्थना की प्रधानमंत्री के हेलीपैड को बनाने के लिए इस पेड़ का काटना जरूरी है. बाबा ने मना किया यह पेड़ नहीं काटा जाएगा. अधिकारियों के बार-बार निवेदन पर बाबा ने कह दिया कि जाओ आप प्रधानमंत्री नहीं आएंगे. ठीक 2 घंटे बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से रेडियोग्राम प्राप्त हुआ कि प्रधानमंत्री का प्रोग्राम कैंसिल हो गया है.