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Gajalaxmi Mandir: 21 लाख रूपये के नोट, 2100 लीटर दूध से अभिषेक…यहां साल में एक बार मिलता प्रसाद

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Gajlaxmi Temple Ujjain: मां गजलक्ष्मी की प्रतिमा दो हजार साल पुरानी है और यह स्फटिक से बनी है. मूर्ति करीब पांच फीट ऊंची है और एक ही पाषाण पर निर्मित है. मां गजलक्ष्मी की यह प्रतिमा ऐरावत हाथी पर सवार होकर पद्मासन मुद्रा में है.

शुभम मरमट / उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में ऐसे तो सैकड़ों मंदिर हैं. लेकिन यहां एक ऐसा मंदिर भी है जो विश्व में केवल एक ही है. यहां स्थित गजलक्ष्मी मंदिर में दीप पर्व के समय भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. गजलक्ष्मी, जोकि देवी लक्ष्मी के आठ रूपों में से एक है, यह मंदिर अपनी अद्वितीयता और धार्मिक आस्था के कारण श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है. उज्जैन के सराफा बाजार के मध्य में स्थित यह ऐतिहासिक मंदिर करीब 2,000 वर्ष पुराना माना जाता है, जिसका वर्णन स्कंद पुराण में भी मिलता है.

धनतेरस पर बटेगा खास प्रसाद 
यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन बरकत का प्रसाद धनतेरस के अवसर पर बांटता है. यह प्रसाद साल भर में एक बार ही भक्तों को प्राप्त होता है. मंदिर के पुजारी पंडित अवधेश शर्मा बताते हैं कि इस प्रसाद में पीले चावल और कौड़ी होती हैं, जिन्हें भक्त पूरे साल माता के चरणों में अर्पण करते हैं. इसके बाद धनतेरस के दिन यह प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है. इस प्रसाद को अपने घर ले जाने से घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है और धन, सुख-संपत्ति की वृद्धि होती है. दूर-दूर से लोग यहां इस खास प्रसाद को लेने आते हैं, क्योंकि यह माना जाता है कि यह प्रसाद घर में समृद्धि और खुशहाली लाता है.

सुहाग पड़वा पर भी लगेगी कतारे 
धनतेरस से लेकर दिवाली तक गजलक्ष्मी मंदिर में पांच दिवसीय उत्सव मनाया जाता है. आखिरी दिन यानी सुहाग पड़वा पर विशेष प्रकार का सिंदूर प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है. यह सिंदूर माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और इसे घर में रखने से वहां मां लक्ष्मी का वास स्थायी रूप से रहता है. गौतम वाडिया जाटवा, जो पिछले 15 वर्षों से मंदिर के नियमित भक्त हैं, बताते हैं कि इस दिन यहां लंबी कतारें देखी जाती हैं. भक्त मानते हैं कि इस मंदिर में मां गजलक्ष्मी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

नोटों से होंगी साज-सज्जा 
गजलक्ष्मी मंदिर का एक और विशेष आकर्षण है, यहां का नोटों से किया गया श्रंगार. पिछले तीन से चार वर्षों से इस मंदिर को दीवाली पर विशेष रूप से सजाया जाता है, जिसमें लाखों रुपए के नोटों का इस्तेमाल होता है. इस बार भी मंदिर को 20, 50, 100 और 200 के नोटों से सजाया जा रहा है. इस बार भी करीब 21 लाख रूपये के नोटों से आकर्षक श्रंगार किया जाएगा.

दिवाली के लिए भक्त कराएंगे अभिषेक 
साल भर मे दिवाली के दिन माता का भक्तो के दुवारा विशेष दूध से अभिषेक किया जाता है. इस बार भी करीब 2100 लीटर दूध से माता का अभिषेक होगा. जिसमे सुबह 8 से लेकर 11 बजे तक माता का अभिषेक होगा. उसके बाद माता का सोने के आभूषण से आकर्षक श्रंगार होगा. 12 बजे महाआरती की जाएगी.

shweta singh

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें

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