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Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पर्वत गोबर से बनता है और पूजा के बाद इसे कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए. इसे आंगन में रखें, लिपाई करें, उपले बनाएं या खेतों व गमलों में खाद के लिए उपयोग करें.
Govardhan Puja 2025: दिवाली के पांच दिवसीय त्योहारों में से गोवर्धन पूजा भी एक है. यह त्योहार दीपावली के अगले दिन यानी बलिप्रतिपदा को मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण की बेहद लोकप्रिय लीला की याद में मनाए जाने वाले इस पर्व में श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत के प्रतीक की पूजा की जाती है. यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है. इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाते हैं और गाय के गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाकर विधि-विधान से उसकी पूजा करते हैं. लेकिन, कई लोगों का एक सवाल हो सकता है कि, गोवर्धन पर्वत की पूजा के बाद गोवर का क्या करें? इधर-उधर फेंक दें तो क्या होगा? इस बारे में Bharat.one को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-
पंचांग के अनुसार, इस साल गोवर्धन पूजा 22 अक्तूबर दिन बुधवार को की जाएगी. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है. वैसे तो गोवर्धन पूजा देश के कई हिस्सों में होती है, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण की नगरी ब्रज क्षेत्र में यह पर्व विशेष उत्साह से मनाया जाता है.
गोबर को इधर-उधर फेंकने की न करें भूल
ज्योतिष में गोवर्धन पर्वत में यूज गोबर का विशेष महत्व है. इसलिए इसे पूजा के बाद भी सुरक्षित रखना चाहिए. मान्यता है कि पूजा के बाद कभी भी इस गोबर को कूड़े या किसी अपवित्र स्थान पर नहीं फेंकना चाहिए. जब आपकी पूजा समाप्त हो जाए और तब पूरे दिन आप गोवर्धन पर्वत को उसी स्थान पर बना रहने दें और शाम के समय इसे इकठ्ठा करके एक स्थान पर करें और इसमें पूजा वाली सफ़ेद सींकें लगाएं, जिनका इस्तेमाल करवा चौथ में भी किया गया हो. पूजा के गोबर को एक् साथ इकठ्ठा करके उसके ऊपर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उस पर्वत को घर के आंगन में सुरक्षित रख दें.
पूजा के बाद गोवर्धन के गोबर से करें ये काम
आंगन-छत की लिपाई करें: पूजा के बाद गोवर्धन के गोबर से अपने आंगन या छत की लिपाई कर सकते हैं. मान्यता है कि, ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आगमन सदैव बना रहता है और भगवान कृष्ण की भी कृपा बनी रहती है.
उपले बनाएं: पूजा के बाद गोवर्धन के बचे हुए गोबर से महिलाएं कंडे तैयार कर सकती हैं. इन कंडों को आप सर्दियों में खाना बनाने के लिए भी इस्तेमाल में ला सकती हैं. इसे घर में जलाकर वातावरण को शुद्ध भी किया जा सकता है.
खेतों में डालें: पूजा के बाद गोवर्धन पर्वत के गोबर को गोबर को खेतों में डालकर खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है. इससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी और मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ेगी.
गमलों में डालें: आप गोबर को गमलों में डालकर पौधों के लिए खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं. इससे पौधे स्वस्थ और हरे-भरे रहेंगे. आप चाहें तो गोबर को स्थानीय गोशाला में भी दे सकते हैं.
ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क…और पढ़ें
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