करवा चौथ का व्रत पूरी तरह से निर्जल रखा जाता है. सुहागिन महिला अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है.
Karva Chauth 2024: सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे बड़े व्रत में से एक है करवा चौथ. जो कि हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 20 अक्टूबर, दिन रविवार को रखा जाएगा. यह व्रत पूरी तरह से निर्जल रखा जाता है और सुहागिन महिला अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है. चांद दिखाई देने के बाद यह व्रत खोला जाता है और इस दौरान वे छलनी पर दीया रखती हैं. लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है ऐसा? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
छलनी पर क्यों रखा जाता है दीया
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान गणेश ने चंद्रदेव को कलंकित होने का श्राप दिया था. जिसके चलते करवा चौथ पर चंद्रमा के दर्शन सीधे तौर पर नहीं किए जाते और यही एक कारण है कि चंद्रमा छलनी में से देखा जाता है.
अब बात आती है कि छलनी में दीया क्यों रखा जाता है तो ऐसा कहा जाता है कि दीया अंधकार को दूर कर उजाला लाता है और नकारात्मकता को हटाकर सकारात्मकता लाता है. साथ ही यह कलंक को काटने का काम करता है. इसलिए छलनी में दीया रखा जाता है.
मान्यता है कि, छलनी पर दीया रखने से पति का भाग्य उदय होता है और उसके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है. यह भी एक कारण है कि छलनी पर दीया रखा जाता है.
ऐसा माना जाता है चंद्रमा को छलनी से देखने पर सुहागिन महिला को कलंक नहीं लगता और उसके पति के जीवन में यदि अंधकार है तो वह भी दूर हो जाता है. इसलिए छलनी के साथ दीया भी रखा जाता है.
धर्म शास्त्रों के अनुसार, यदि आपकी पूजा या किसी धार्मिक अनुष्ठान में आपसे कोई भूलचूक हो जाती है तो दीया जलाने से गलतियों को दूर किया जा सकता है और आपको किसी प्रकार का दोष भी नहीं लगता.
FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 15:06 IST