Agency:Bharat.one Rajasthan
Last Updated:
KhatuShyamJi Temple: गणतंत्र दिवस पर बाबा श्याम को तिरंगे रंग के फूलों और रत्न जड़ित सोने के मुकुट से सजाया गया. भक्तों की संख्या बढ़ रही है. 28 फरवरी से वार्षिक फाल्गुन लक्खी मेला शुरू होगा.
तिरंगा थीम पर हुआ बाबा श्याम का श्रृंगार
सीकर. गणतंत्र दिवस के दिन आज विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम को तीन रंग के फूलों से सजाया गया है. केसरिया, सफेद और हरे रंग के फलों से सजे बाबा श्याम बहुत ही मनमोहक नजर आ रहे हैं. भक्तों को भी बाबा श्याम का ये श्रृंगार बहुत पसंद आ रहा है. इसके अलावा तीन रंग के फूलों के अलावा बाबा श्याम को रत्न जड़ित सोने का मुकुट भी पहनाया गया है. वहीं, लाखदातार के पूरे गर्भ ग्रह को राष्ट्रीय ध्वज की थीम पर सजाया गया है.
आपको बता दें गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा थीम पर बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार होता है. श्याम भक्तों में देश प्रेम की भावना बढ़े इसलिए ऐसा किया जाता है. आज 26 जनवरी के दिन सुबह से ही श्याम दरबार भक्तों की संख्या बढ़ रही है. वीकेंड टाइम होने के कारण दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हरियाणा सहित कई राज्यों से भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
28 फरवरी से शुरू होगा लक्खी मेला
इस बार हारे के सहारे लखदातार बाबा श्याम का वार्षिक फाल्गुन लक्खी मेला 28 फरवरी से शुरू होगा और 12 दिन तक चलेगा. इसके अलावा मेले का समापन 11 मार्च को होगा. मेले के संपूर्ण व्यवस्थाओं को लेकर श्री श्याम मंदिर कमेटी और प्रशासन द्वारा संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी. इस बार मेले में पिछले साल के मुकाबले अधिक भीड़ रहने का अनुमान है.
कौन है बाबा श्याम
हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. बर्बरीक के पास तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. इसी को लेकर भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजे जाओगे, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोगे.
Sikar,Sikar,Rajasthan
January 26, 2025, 10:48 IST
KhatuShyamJi: 26 जनवरी के दिन तिरंगे की थीम पर हुआ बाबा श्याम का श्रृंगार