Mahalaxmi Vrat 2025 Maa Laxmi Ka Priya Bhog Prasad In Hindi : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से 16 दिन का महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ हो जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और धन, ऐश्वर्य, सुख-संपत्ति, तथा सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत की परंपरा स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी. इस व्रत के दौरान माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहे इसके लिए उनके प्रिय भोग को अवश्य अर्पित करना चाहिए. शास्त्रों में बताया गया है कि लक्ष्मी माता को भोग अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं. आइए जानते हैं 16 दिन तक माता लक्ष्मी को कौन सा भोग लगाएं…


माता लक्ष्मी को भोग लगाने का महत्व
हिंदू धर्म और शास्त्रों में भोग अर्पण को पूजा का अभिन्न अंग माना गया है. विशेषकर जब माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है, तब उन्हें भोग लगाना धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अनिवार्य माना गया है. लक्ष्मी जी अन्नपूर्णा और अन्नसमृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं. पद्मपुराण और लक्ष्मी तंत्र में वर्णन है कि लक्ष्मी को प्रिय भोजन (खीर, दूध, गुड़, फल आदि) अर्पित करने से धन और अन्न की कभी कमी नहीं रहती. भोग का तात्पर्य केवल भोजन नहीं, बल्कि भाव से अर्पण करना है. लक्ष्मी जी को भोग लगाने से रसोईघर में अन्न की कभी कमी नहीं होती और घर में सदैव समृद्धि और सम्पन्नता बनी रहती है.
माता लक्ष्मी को प्रिय भोग
1- केसर युक्त खीर – दूध, केसर, चावल और शक्कर से बनी खीर लक्ष्मी जी को अत्यंत प्रिय है.
2- पंजीरी – गेहूं के आटे, शक्कर और घी से बनी पंजीरी.
3- गुड़ और चावल (गुड़-चावल की खिचड़ी) – इसे धनवृद्धि और ऋण मुक्ति के लिए शुभ माना जाता है.
4- नारियल और मिठाई – विशेषकर नारियल की मिठाई, लड्डू, पेड़े.
5- सफेद तिल और मिश्री – लक्ष्मी जी को शीतल और सात्त्विक भोग प्रिय है.
6- फल और सूखे मेवे – विशेषकर अनार, अंगूर, बादाम और काजू.
7- सिघाड़ा, मखाना, बताशे – इसे अर्पित करने से कुबेर और लक्ष्मी दोनों की कृपा मिलती है.
2- पंजीरी – गेहूं के आटे, शक्कर और घी से बनी पंजीरी.
3- गुड़ और चावल (गुड़-चावल की खिचड़ी) – इसे धनवृद्धि और ऋण मुक्ति के लिए शुभ माना जाता है.
4- नारियल और मिठाई – विशेषकर नारियल की मिठाई, लड्डू, पेड़े.
5- सफेद तिल और मिश्री – लक्ष्मी जी को शीतल और सात्त्विक भोग प्रिय है.
6- फल और सूखे मेवे – विशेषकर अनार, अंगूर, बादाम और काजू.
7- सिघाड़ा, मखाना, बताशे – इसे अर्पित करने से कुबेर और लक्ष्मी दोनों की कृपा मिलती है.
भोग लगाने से पहले करें यह काम
महालक्ष्मी व्रत में माता को खीर, गुड़-चावल, पंजीरी, नारियल-मिठाई, फल और सूखे मेवे का भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है. इससे लक्ष्मी जी की विशेष कृपा मिलती है और घर में स्थायी समृद्धि का वास होता है. भोग हमेशा सात्त्विक और शुद्ध घी में बने होने चाहिए. भोग चढ़ाने से पहले थोड़ा भाग तुलसी पत्ते के साथ अर्पित करें. भोग के साथ सफेद पुष्प, अक्षत, लाल वस्त्र भी अर्पित करना शुभ है.