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Mahashivratri 2025 : जानें शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका और जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

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Agency:Bharat.one Uttarakhand

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Mahashivratri 2025 : महाशिवरात्रि में बाबा भोले पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है. इसे विधिपूर्वक करने से शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है. जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी कष्ट दूर होते हैं. 

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जानें महाशिवरात्रि के दिन जल चढ़ाने के सही नियम और शुभ मुहूर्त

ऋषिकेश. Mahashivratri हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का एक महत्त्वपूर्ण पर्व है. इस दिन भक्तगण उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. शिवलिंग पर जल चढ़ाने का इस दिन विशेष महत्त्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विधिपूर्वक जलाभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. Bharat.one के साथ बातचीत में ऋषिकेश स्थित ‘गृह स्थानम’ के ज्योतिष अखिलेश पांडेय कहते हैं कि महाशिवरात्रि भगवान शिव का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसमें जलाभिषेक का विशेष महत्त्व होता है. इसे विधिपूर्वक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. भक्त भी महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त में जलाभिषेक कर अपने जीवन को शिवमय बनाते हैं. इस पावन अवसर पर सही विधि से पूजा-अर्चना करने से भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है.

जल चढ़ाने के नियम

जलाभिषेक के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करने से भक्तों को अधिक लाभ मिलता है. शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए गंगाजल, शुद्ध जल या गौदुग्ध का उपयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है. इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि जल की धारा अत्यधिक वेग से न गिरे. इसे धीरे-धीरे चढ़ाना ही शुभ माना जाता है. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए, क्योंकि ये दिशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है.

तुलसी पत्र वर्जित

धर्म शास्त्रों के अनुसार, खड़े होकर जल चढ़ाना उचित नहीं माना जाता. इसे बैठकर या झुककर चढ़ाने से अधिक पुण्य मिलता है. जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना उत्तम होता है. यदि ये संभव न हो तो चांदी या कांसे का पात्र भी उपयोग में लाया जा सकता है. भगवान शिव की पूजा में तुलसी पत्र वर्जित माने जाते हैं, इसलिए जलाभिषेक के दौरान इन्हें शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए. जल चढ़ाने के साथ-साथ शिवलिंग पर काले तिल और बेलपत्र अर्पण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. जल चढ़ाने के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण करने से शिव कृपा शीघ्र प्राप्त होती है.

महाशिवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि का पर्व 2025 में 26 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन शिव भक्त जलाभिषेक कर अपनी भक्ति अर्पित करते हैं. महाशिवरात्रि की पूजा पूरे दिन और रात की जाती है, लेकिन जलाभिषेक के लिए कुछ विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं.

प्रातःकालीन मुहूर्त: 6:47 बजे से 9:42 बजे तक

मध्यान्ह मुहूर्त: 11:06 बजे से 12:35 बजे तक

संध्याकालीन मुहूर्त: 3:25 बजे से 6:08 बजे तक

रात्रिकालीन मुहूर्त: 8:54 बजे से 12:01 बजे तक

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