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Mahashivratri 2025: संतान प्राप्ति, रोग दोषों से मुक्ति और समाज में मान सम्मान के लिए इस विधि से करें रुद्राभिषेक

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Maha Shivratri 2025 : महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक से संतान सुख, रोग मुक्ति और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है. शहद मिश्रित गंगा जल से संतान प्राप्ति, घी व शहद से रोग नाश और कुमकुम केसर से अभिषेक करने पर आक…और पढ़ें

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक के विशेष फल और विधि

रोग नाश और लंबी आयु के लिए घी व शहद से अभिषेक करें.

हाइलाइट्स

  • महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक से विशेष फल प्राप्त होता है.
  • संतान सुख के लिए शहद मिश्रित गंगा जल से अभिषेक करें.
  • रोग नाश और लंबी आयु के लिए घी व शहद से अभिषेक करें.

महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक : ऐसे तो रुद्राभिषेक कभी भी किया जा सकता है.लेकिन महा शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने से इसका विशेष फल प्राप्त होता है. महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक निशीथ काल में सर्वाधिक फालदायक होता है. संतान प्राप्ति और रोग दोषों से मुक्ति के साथ आपको समाज में मान सम्मान आदि प्राप्त होगा.आइये रुद्राभिषेक से विधि समझते हैं कि किस चीज से अभिषेक करने से हमें किस फल की प्राप्ति होगी.

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शहद मिश्रित गंगा जल : जिन जातकों को विवाह के कई वर्ष बाद भी संतान सुख प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे जातक महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शहद मिश्रित गंगा जल से अभिषेक करें.
सबसे पहले भगवान शिव के ‘चंद्रमौलेश्वर’ स्वरुप का मानसिक ध्यान करें. ताम्बे के पात्र में शहद मिश्रित गंगा जल भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें. ॐ चन्द्रमसे नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें. इसके पश्चात शिव के पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें. शिवलिंग पर शहद मिश्रित गंगा जल की पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें. अभिषेक करते हुए ओम वं चन्द्रमौलेश्वराय स्वाहा का जाप करें. शिवलिंग पर स्वच्छ जल से भी अभिषेक करें.

घी व शहद से अभिषेक : सभी प्रकार के रोगों के नाश एवं लम्बी आयु की प्राप्ति के लिये घी व शहद से अभिषेक करें. इसके लिये सर्वप्रथम भगवान शिव के त्रयम्बक स्वरुप का मानसिक ध्यान करें. ताम्बे के पात्र में घी व शहद भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें. फिर ओम धन्वन्तरयै नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें. पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें. शिवलिंग पर घी व शहद की पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें. अभिषेक करते हुए ओम ह्रौं जूं स: त्रयम्बकाय स्वाहा मंत्र का जाप करें. इसके बाद शिवलिंग पर स्वच्छ जल से भी अभिषेक करें.

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आकर्षक व्यक्तित्व का प्राप्ति हेतु : जिन जातकों को समाज में मान सम्मान और आकर्षक व्यक्तित्व चाहिए उन्हें भगवान शिव का कुमकुम केसर के मिश्रण से अभिषेक करना चाहिए. सर्वप्रथम भगवान शिव के नीलकंठ स्वरूप का मानसिक ध्यान करें. चांदी अथवा स्टील के पात्र में कुमकुम, केसर और पंचामृत भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें एवं ओम उमायै नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें. इसके बाद शिव के पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय’ का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें. पंचाक्षरी मंत्र पढ़ते हुए पात्र में फूलों की कुछ पंखुडियां डाल दें. फिर शिवलिंग पर पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें. अभिषेक का मंत्र ओम ह्रौं ह्रौं ह्रौं नीलकंठाय स्वाहा का जाप करते रहें.

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महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक के विशेष फल और विधि

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