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Mahashivratri 2025 Upay: महाशिवरात्रि 26 फरवरी बुधवार को है. शायद आपने मंदिर में किसी को शिव पूजा के समय 3 बार ताली बजाते देखा होगा. शिव मंदिर में ताली बजाने का भी अपना महत्व होता है. अगर आप इस बात को जान जाएंग…और पढ़ें

शिव मंदिर में 3 ताली बजाने के फायदे.
हाइलाइट्स
- महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को है.
- शिव मंदिर में 3 बार ताली बजाने का महत्व है.
- पहली ताली से महादेव के समक्ष उपस्थिति दर्ज होती है.
इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी बुधवार को है. महाशिवरात्रि के अवसर पर लोग शिव मंदिर में जाते हैं और अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विधि विधान से पूजा करते हैं. शायद आपने मंदिर में किसी को शिव पूजा के समय 3 बार ताली बजाते देखा होगा. शिव मंदिर में ताली बजाने का भी अपना महत्व होता है. 3 बार की ताली में हर ताली का अपना एक खास उद्देश्य होता है. अगर आप इस बात को जान जाएंगे तो आप भी मंदिर में शिव पूजा के समय 3 बार ताली बजाने से खुद को नहीं रोक पाएंगे क्योंकि कारण ही कुछ ऐसा है.
शिव मंदिर में क्यों बजाते हैं 3 बार ताली?
ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ भावना उपाध्याय का कहना है कि शिव मंदिर में लोग जाते हैं, 3 बार ताली बजाते हैं और फिर पूजा करके चले आते हैं. शिव मंदिर में लोग 3 बार ताली क्यों बजाते हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में.
पहली ताली: जब आप पहली बार ताली बजाते हैं तो आप महादेव के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. उसका मकसद होता है कि भगवान शिव यह जान लें कि आप उनके पास आए हुए हैं.
दूसरी ताली: जब हम दूसरी ताली बजाते हैं तो वह हमारी मनोकामनाओं के लिए होती है. दूसरी ताली बजाकर आपको अपने मन की बात यानि मनोकामनाओं को भगवान शिव से बता देनी चाहिए. आपको भगवान शिव से जो भी चाहिए, वो उनको बता दें.
तीसरी ताली: जब हम तीसरी ताली बजाते हैं तो उसका अर्थ होता है कि हे महादेव, हमने जो भी मनोकामना थी, वो तो आप से मांग ली, लेकिन हमारे लिए क्या अच्छा है, वो आप तय करें. वो आप हमें देना.
शिवालय में 3 ताली बजाने के फायदे
शिवपुराण की कथा करने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि लंकापति रावण ने भगवान शिव के लिए 3 बार ताली बजाई थी तो उसके लंका का राज्य प्राप्त हुआ था. भगवान श्रीकृष्ण ने संतान प्राप्ति के लिए शिव जी का अभिषेक किया और 3 बार ताली बजाई तो उनको संतान की प्राप्ति हुई. समुद्र पर सेतु बांधने के समय प्रभु राम ने भी तीन बार ताली का नाद किया था, जिसके बाद नल और नील की मदद से सेतु बनकर तैयार हुआ था.
इतना ही नहीं भगवान शिव ने अमरनाथ की गुफा में देवी पार्वती को अमर कथा सुनाई तो उस समय उन्होंने भी 3 ताली बजाई तो वहां के पक्षी उड़ गए. एक तोते के अंडे से एक बच्चा निकला था, उसने वह अमर कथा सुन ली थी, उसका ही नाम शुकदेव हुआ.
पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, आपके पास शिव पूजा के लिए बेलपत्र, भांग, धतूरा, गंगाजल, फूल आदि कुछ भी नहीं है तो आप शिवालय जाएं और शिव जी को स्मरण करके तीन बार ताली बजाएं. भगवान शिव प्रसन्न हो जाएंगे और आपके घर का भंडारा भर देंगे. आपकी मनोकामनाएं पूरी कर देंगे.
इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर आप जब शिव पूजा करें तो अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 3 ताली बजाना न भूलें.
February 08, 2025, 11:35 IST
शिव मंदिर में पूजा समय बजाएं 3 ताली, हर ताली होती है खास, जानें इसका मतलब