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Navrati 2024 The two-faced Kushmanda Devi temple eye diseases are cured just by applying water

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कानपुर. नवरात्रि का पर्व चल रहा है और देश भर के दुर्गा मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आ रही है. कानपुर में भी कई देवी मां के ऐसे मंदिर हैं, जहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. वहीं कानपुर के घाटमपुर में मां कुष्मांडा का शक्तिपीठ मौजूद है. यहां देश भर से भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर को लेकर यह मानता है कि माता के चरणों में चढ़े हुए नीर को आंखों में लगाने मात्र से नेत्र के सारे रोग दूर हो जाते हैं.

नवरात्र में दूर-दूर से आते हैं भक्त

मां कुष्मांडा देवी मंदिर में पूरे नवरात्र के दौरान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. देश भर से भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं. मां कुष्मांडा देवी का यह देश में सबसे बड़ा शक्तिपीठ है. इस वजह से दूर-दूर से भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं. वहीं नवरात्र के चौथे दिन देर रात यहां पर दीपदान का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है. जिसमें 21 हजार से अधिक दीपों से मंदिर को जगमग किया जाता है.

नीर लगने से दूर होते हैं नेत्र रोग

इस मंदिर में दो मुख वाली माता मौजूद है, जो खुद जमीन से निकली हुई है. यही वजह है कि इस मंदिर की मान्यता बेहद खास है, क्योंकि यह पूरी दुनिया में इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां दो स्वरूप वाली कुष्मांडा देवी का मंदिर है. वहीं इस मंदिर के चरणों में निकलने वाले नीर को भक्त अपनी आंखों में लगाते हैं तो उनको नेत्र रोग से सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है.

बेहद प्राचीन है कुष्मांडा देवी का मंदिर

कुष्मांडा देवी मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर बेहद प्राचीन है और यहां दर्शन करने मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. यहां पर ऐसे भक्त आते हैं, जिनको डॉक्टर तक मना कर देते हैं कि वह दुनिया नहीं देख सकते या उनकी आंखों में बहुत समस्या है. इस मंदिर में माता के चरणों से निकले नीर को लगाने से उनके बड़े से बड़े नेत्र रोग कुछ समय में दूर हो जाते हैं. जिसके बाद लोग यहां नेत्र भी चढ़ाते हैं.

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