उज्जैन. हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. नवरात्रि के दिनों में भगवती मां दुर्गा पूरे नौ दिन तक धरती पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि नवरात्रि के सातवें दिन किस देवी की उपासना की जाए.
मां कालरात्रि का स्वरूप
मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है. मां कालरात्रि के चार हाथ तीन नेत्र हैं. मां के बाल बड़े और बिखरे हुए हैं. माता के गले में पड़ी माला बिजली की तरह चमकती है. मां की श्वास से आग निकलती है. एक हाथ में माता ने खड्ग (तलवार), दूसरे में लौह शस्त्र, तीसरे हाथ वरमुद्रा और चौथे हाथ अभय मुद्रा में है.
मां कालरात्रि की पूजा के लाभ
माता कालरात्रि अपने उपासकों को काल से भी बचाती हैं अर्थात उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती. इनके नाम के उच्चारण मात्र से ही भूत, प्रेत, राक्षस और सभी नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं. माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं एवं ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली देवी हैं. इनके उपासक को अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते. सभी व्याधियों और शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए माँ कालरात्रि की आराधना विशेष फलदायी होती है.
मां कालरात्रि को जरूर लगाएं यह भोग
मां कालरात्रि को गुड़ का भोग अत्यंत प्रिय है. नवरात्र में सप्तमी तिथि की पूजा के समय मां कालरात्रि को गुड़, गुड़ की खीर या गुड़ से बनी चीज का भोग लगाना चाहिए, कहते हैं कि ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
जरूर करे इन मंत्रों का जाप
– ॐ कालरात्र्यै नम:।
– एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
– जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणि।
जय सार्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तुते॥
– ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी।
एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ।।
FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 04:01 IST
