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Navratri 2025 Day 5: संतान सुख से हैं वंचित? इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा, जल्द भरेगी सूनी गोद!

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Navratri Day 5 : नवरात्रि में माता रानी के 9 स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी. नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजन का विधान है. आइए आचार्य से जानते हैं माता को प्रसन्न करने की विधि…

Navratri Skandamata Puja: देश में धूमधाम से शारदीय नवरात्रि का त्यौहार मनाया जा रहा है. सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में भगवती मां दुर्गा पूरे नौ दिन तक धरती पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. इन 9 दिन दिन अलग-अलग देवी की पूजा और भोग लगाया जाता है. पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है. जो लोग संतान सुख से वंचित हैं, उन्हें इसे देवी की विशेष रूप से आरधना करनी चाहिए.  उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की किस विधि से उपासना की जाए और कौन सा भोग लगाया जाए जिससे वह प्रसन्न हो.

जानें कैसा है मां स्कंदमाता का स्वरूप
मां स्कंदमाता की पूजा की बात करें तो इस देवी की चार भुजाएं हैं. ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से भगवान स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं. नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है. बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा वरदमुद्रा में है. नीचे वालीभुजा में कमल पुष्प है. इसलिए इन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि स्कंदमाता अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं. साथ ही माना गया है कि माता की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

जानिए मां स्कंदमाता का प्रिय भोग
नवरात्रि के नौ दिन अलग-अलग देवी को तरह-तरह का भोग लगाया जाता है. पांचवे दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं. इसके बाद इसको प्रसाद रूप में ग्रहण करें. इसे ग्रहण करने से संतान और स्वास्थ्य, दोनों की बाधाएं दूर होंगी. शास्त्रों में मां स्कंदमाता की महिमा बताई गई हैं. इनकी उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है. इसलिए मन को एकाग्र और पवित्र रखकर इस देवी की आराधना करने वाले भक्त को भवसागर पार करने में कठिनाई नहीं आती है.

जानिए किन मंत्रों से प्रसन्न होंगी स्कंदमाता
– सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

– या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

Dallu Slathia

Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें

Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across … और पढ़ें

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Navratri 2025: संतान सुख से हैं वंचित? इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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