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Navratri 2025 Remedies: नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष फलदाई होता है. देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलक स्तोत्र का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
चैत्र नवरात्रि में कीलक स्तोत्र से मिलेगा भय से छुटकारा
हाइलाइट्स
- नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष फलदाई होता है.
- कीलक स्तोत्र का पाठ करने से भय से मुक्ति और धन संपत्ति की प्राप्ति होती है.
- तंत्र-मंत्र का प्रभाव खत्म करने के लिए कीलक स्तोत्र का पाठ करें.
Navratri 2025 Remedies: हिंदू नव वर्ष शुरू होते हैं शक्ति की देवी मां दुर्गा स्वर्ग लोक से धरती लोक पर अपने भक्तों का कल्याण करने के लिए आती हैं. हिंदू नव वर्ष के पहले दिन से ही चैत्र नवरात्रि शुरू होते हैं जिनमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान से की जाती है. नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना विशेष फलदाई होता है. दुर्गा सप्तशती के देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और इनके बाद कीलक स्तोत्र का पाठ करने से अनेक चमत्कारी लाभ होते हैं नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ सभी कार्यों में सफलता और धन संपत्ति की प्राप्ति हो जाती है.
नवरात्रि में तिलक स्तोत्र का पाठ
इस स्तोत्र की जानकारी Bharat.one पर साझा करते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते है कि तिलक स्तोत्र का पाठ नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती के देवी कवच और अगला स्तोत्र के बाद करने का विधान होता है इस स्तोत्र का पाठ करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. साथ ही इस स्तोत्र का पाठ विधि विधान से करने पर भय से मुक्ति, आरोग्यता, धन संपत्ति की प्राप्ति, शत्रुओं का नाश, शक्ति की प्राप्ति, शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का देवी मां आशीर्वाद प्रदान करती है.
तंत्र-मंत्र का प्रभाव होगा खत्म
वह आगे बताते हैं कि इस स्तोत्र का संबंध तंत्र-मंत्र से भी है. यदि किसी व्यक्ति पर तंत्र मंत्र का प्रभाव है तो इस शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ करने से सभी तांत्रिक क्रियाओं का प्रभाव पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है. नवरात्रि के अलावा इस चमत्कारी और शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ रोजाना करने पर कार्यों में उत्पन्न सभी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं और देवी मां साधक को अमोघ फल प्रदान करती हैं.
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इस स्तोत्र का पाठ देवी कवच और अर्गला स्तोत्र के बाद करने का विधान है. यदि ऐसा नहीं किया जाता तो साधक को दुर्गा सप्तशती का कोई फल प्राप्त नहीं मिलता. भगवान शिव ने इस स्तोत्र को गुप्त किया है जो देवी देवताओं को भी दुर्लभ हैं. नवरात्रि में इस महा फलदायक स्तोत्र का पाठ करने से इसका करोड़ों गुना लाभ मिलता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.