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Navratri Day 4 Puja: नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की पूजा, ये है प्रिय भोग, जानें मंत्र भी

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Maa Kushmanda Puja: पंडित आनंद भारद्वाज ने Bharat.one से कहा कि मां कुष्‍मांडा की पूजा में पीले रंग का केसर वाला पेठा रखना चाहिए. देवी को उसी का भोग लगाएं. कुछ भक्त मां कुष्मांडा की पूजा में समूचे सफेद पेठे के फल की बलि भी चढ़ाते हैं.

उज्जैन. हिंदू धर्म में नवरात्रि के 9 दिन सबसे पवित्र दिनों में गिने जाते हैं. माना जाता है कि सालभर में कुल चार बार नवरात्रि आती है. हर साल अश्विन माह में शारदीय नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है. सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान मां भगवती पूरे 9 दिनों तक धरती पर भक्तों को आशीर्वाद देने लिए आती हैं. उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज ने Bharat.one को बताया कि नवरात्रि के चौथे दिन किस देवी की उपासना करते हैं. देवी का प्रिय भोग क्या है और किन मंत्रों का जाप करना चाहिए.

उन्होंने बताया कि मां कुष्मांडा का अर्थ कुम्हड़े से भी है. मां कुष्मांडा को कुम्हड़ा अति प्रिय है, इसलिए भी इनको कुष्मांडा कहते हैं. हालांकि बृहद रूप में देखा जाए, तो एक कुम्हड़े में अनेक बीज होते हैं. हर बीज में एक पौधे को जन्म देने की क्षमता होती है. उसके अंदर सृजन की शक्ति होती है. मां ने इस पूरे ब्रह्मांड की रचना की है. उनके अंदर भी सृजन की शक्ति है.

मां ने मुस्कुराहट से की सृष्टि की रचना
उन्होंने आगे बताया कि मां भगवती के कुष्मांडा स्वरूप ने अपनी मंद मुस्कुराहट से ही सृष्टि की रचना की थी, इसलिए देवी कुष्मांडा को सृष्टि की आदि स्वरूपा और आदि शक्ति माना गया है. देवी कुष्मांडा को समर्पित इस दिन का संबंध हरे रंग से जाना जाता है. मातारानी की 8 भुजाएं हैं, जिसमें से 7 में उन्होंने कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत का कलश, चक्र और गदा ली हुई है. माता के 8वें हाथ में जप माला है और मां शेर पर सवार हैं.

मां कुष्‍मांडा का प्रिय भोग
पंडित आनंद भारद्वाज ने आगे बताया कि मां कुष्‍मांडा की पूजा में पीले रंग का केसर वाला पेठा रखना चाहिए और देवी को उसी का भोग लगाएं. कुछ लोग मां कुष्‍मांडा की पूजा में समूचे सफेद पेठे के फल की बलि भी चढ़ाते हैं. इसके साथ ही देवी को मालपुआ और बताशे भी चढ़ाने चाहिए.

जरूर करें इन मंत्रों का जाप
– सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

– ऐं ह्री देव्यै नम:

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा…ये है प्रिय भोग, जानें मंत्र भी

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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