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November Pradosh Vrat 2024: सिद्धि योग और रेवती नक्षत्र में बुध प्रदोष व्रत, 2 घंटे 39 मिनट है पूजा का शुभ समय, जानें मुहूर्त, महत्व

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कार्तिक माह का दूसरा प्रदोष व्रत कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तिथि को है. इस बार बुध प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि योग और रेवती नक्षत्र का संयोग बना है. इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. प्रदोष व्रत और शिव पूजा करने से व्यक्ति के कष्ट, रोग, दोष आदि दूर होते हैं. शिव कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार बुध प्रदोष व्रत पर पूजा के लिए 2 घंटे 39 मिनट का शुभ समय प्राप्त हो रहा है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि बुध प्रदोष व्रत कब है? बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

बुध प्रदोष व्रत 2024 तारीख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल 13 नवंबर बुधवार को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ होगा. यह तिथि 14 नवंबर गुरुवार को सुबह 9 बजकर 43 मिननट तक मान्य है. पूजा मुहूर्त के आधार पर बुध प्रदोष व्रत 13 नवंबर को रखा जाएगा.

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बुध प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
13 नवंबर को बुध प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ है, जो रात 8 बजकर 7 मिनट तक है. व्रती को इस समय में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा कर लेनी चाहिए. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय ही करते हैं.

प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर है. उस दिन का सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 28 मिनट पर होगा. उसके बाद से प्रदोष काल शुरू होगा. बुध प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:56 ए एम से 05:49 ए एम तक है. उस दिन अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है. प्रदोष व्रत का निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात 12 बजकर 32 मिनट तक है.

सिद्धि योग में बुध प्रदोष व्रत 2024
इस बार बुध प्रदोष व्रत के दिन वज्र योग दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक है. उसके बाद से सिद्धि योग है. शिव पूजा के समय भी सिद्धि योग रहेगा. व्रत वाले दिन रेवती नक्षत्र सुबह से लेकर अगले दिन 14 नवंबर को तड़के 3 बजकर 11 मिनट तक है. कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तिथि में रवि योग 14 नवंबर को तड़के 3:बजकर 11 मिनट से सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.

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बुध प्रदोष व्रत 2024 अशुभ समय
प्रदोष व्रत वाले दिन पंचक है, जो सुबह 6 बजकर 42 मिनट से अगले दिन तड़के 3 बजकर 11 मिनट तक है. प्रदोष को राहुकाल दोपहर में 12 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.

बुध प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक समय
प्रदोष के दिन शिववास कैलाश पर दोपहर 1 बजकर 1 मिनट तक है, उसके बाद शिववास नंदी पर होगा. वैसे भी प्रदोष और शिवरात्रि का दिन रुद्राभिषेक के लिए अच्छा माना जाता है. रुद्राभिषेक कराने से दुख मिटते हैं, सुख, समृद्धि आती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

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