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Papankusha Ekadashi 2025 Upay Know Papankusha Ekadashi Sarvartha Siddhi and ravi Yog Panchang | 4 शुभ योग में पापांकुशा एकादशी, सुख-समृद्धि के लिए अवश्य करें ये 3 काम, श्रीहरि की रहेगी कृपा

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Papankusha Ekadashi 2025 Shubh Yog : पापांकुशा एकादशी का महत्व बहुत गहरा और पवित्र माना गया है. यह आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है और भगवान पद्मनाभ (श्रीविष्णु) को समर्पित है. इस दिन 3 विशेष कार्य करने से हर कष्ट से मुक्ति मिलेगी और धन व सुख-समृद्धि की कृपा प्राप्त होगी. आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी का महत्व और शुभ योग…

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Papankusha Ekadashi 2025: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकदाशी तिथि को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 3 अक्टूबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, जो साधकों को धन, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद देती है. पापांकुशा एकादशी के दिन एक या दो नहीं बल्कि चार शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. ज्योतिष शास्त्र में पापांकुशा एकादशी का महत्व बताते हुए कुछ विशेष उपाय भी बताए गए हैं. इन उपायों के करने से श्रीहरि की हमेशा कृपा रहेगी और धन व सुख-समृद्धि की कृपा रहेगी. आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी के दिन कौन से 3 काम करें…

पापांकुशा एकादशी 2025 पंचांग
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. एकादशी का समय 2 अक्टूबर को शाम के 7 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर शाम के 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगा, इसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी. इस तिथि को ग्रहों के राजा सूर्य कन्या राशि में रहने वाले हैं. चंद्रमा रात के 9 बजकर 27 मिनट तक मकर राशि में रहेंगे, इसके बाद कुंभ राशि गोचर करेंगे.

पापांकुशा एकादशी 2025 शुभ योग
पापांकुशा एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं और इस दिन बुध ग्रह तुला राशि में गोचर करने वाले हैं. पापांकुशा एकादशी पर सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और सभी प्रकार के दोष दूर करने वाला रवि योग बन रहा है. साथ ही इस दिन चंद्रमा के दूसरे भाव में बुध और द्वादश भाव में शुक्र ग्रह होने से उभयचरी योग का निर्माण हो रहा है. उभयचरी योग के साथ इस दिन धन योग बन रहा है, जो चंद्रमा पर मंगल की दृष्टि से बन रहा है.

पापांकुशा एकादशी का महत्व
शास्त्रों में पापांकुशा एकादशी को हजारों अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाला बताया गया है. इस दिन उपवास रखने से जाने-अनजाने पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. भगवान विष्णु की कृपा से विवाह, करियर, नौकरी, परीक्षा और व्यापार की बाधाएं भी दूर होती हैं. इस व्रत में रात्रि जागरण, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. पद्मपुराण में कहा गया है कि पापांकुशा एकादशी के व्रत से मनुष्य को अनगिनत पापों से मुक्ति मिलती है और वह विष्णुधाम को प्राप्त करता है. एकादशी व्रत का सबसे बड़ा फल मोक्ष है. पापांकुशा एकादशी विशेष रूप से अपराधों व बंधनों से मुक्ति देकर विष्णुलोक में स्थान दिलाती है.

पापांकुशा एकादशी के दिन अवश्य करें यह काम
1– पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का विशेष स्थान है. शाम को तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाकर 11 परिक्रमा करने और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं.

2- रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए पूर्व दिशा में मुख करके घी का दीपक जलाकर भगवद गीता के 11वें अध्याय का पाठ करें तो प्रभु की कृपा होती है.

3- पापांकुशा एकादशी के दिन पीली वस्तुओं का दान, भगवान के नामों का जाप और भक्ति कार्यों पर ध्यान दें. यह व्रत न केवल आध्यात्मिक, बल्कि भौतिक सुख-समृद्धि के लिए भी प्रभावी माना जाता है. इस पापांकुशा एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन को नई दिशा दें.

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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4 शुभ योग में पापांकुशा एकादशी, सुख-समृद्धि के लिए अवश्य करें ये 3 उपाय

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