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Power Of Rudraksha: देखनी है रुद्राक्ष की ​शक्ति या पॉजिटिव एनर्जी? सदगुरु ने आसान प्रयोग से दिखाया चमत्कार, आप रह जाएंगे हैरान!

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Power Of Rudraksha: भगवान शिव के अश्रु से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए भक्त शिव मंत्रों का जाप रुद्राक्ष से करते हैं. क्या रुद्राक्ष में कोई शक्ति होती है? पॉजिटिव एनर्जी और निगेटिव एनर्जी क्या है? इसके …और पढ़ें

देखनी है रुद्राक्ष की ​शक्ति या पॉजिटिव एनर्जी? सदगुरु ने दिखाया चमत्कार!

रुद्राक्ष की ​शक्ति.

हाइलाइट्स

  • शिव कृपा पाने के लिए रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं.
  • भगवान शिव के अश्रु से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई थी.
  • रुद्राक्ष में असीमित शक्ति होती है.

भगवान शिव के भक्तों के लिए रुद्राक्ष विशेष महत्व रखता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के अश्रु से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए भक्त शिव मंत्रों का जाप रुद्राक्ष से करते हैं. शिव कृपा पाने के लिए रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं. रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं और उनका महत्व भी अलग—अलग होता है. कहा जाता है कि रुद्राक्ष में असीमित शक्ति होती है, जिससे व्यक्ति के नकारात्मकता को दूर किया जा सकता है. क्या रुद्राक्ष में कोई शक्ति होती है? पॉजिटिव एनर्जी और निगेटिव एनर्जी क्या है? इसके बारे में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने रुद्राक्ष से एक प्रयोग करके दिखाया.

रुद्राक्ष और पॉजिटिव एनर्जी
रुद्राक्ष की शक्ति को दिखाने के लिए सद्गुरु एक प्रयोग करते है. वे रामकृष्ण परहंस की एक तस्वीर की फोटो कॉपी लेते हैं और उसके ऊपर रुद्राक्ष की माला को ले जाते हैं. उसे उस तस्वीर के बीच में रखते हैं तो रुद्राक्ष की माला क्लॉक वाइज डायरेक्शन में घूमने लगती हैं. उसी बीच दिखाई देता है​ कि रामकृष्ण परमहंस के फोटो वाले कागज का अगला हिस्सा रुद्राक्ष की ओर मुड़ने लगता है. जैसे मानो की रुद्राक्ष उसे अपनी ओर खींच रहा हो. वे रुद्राक्ष के माध्यम से उस तस्वीर की सकारात्मक ऊर्जा को दिखाते हैं.

रुद्राक्ष और निगेटिव एनर्जी
इसके बाद वे अपने हाथ में एक सीरियल किलर व्यक्ति की तस्वीर की फोटो कॉपी लेते हैं. फिर रुद्राक्ष की माला से ठीक वैसा ही करते हैं, जैसा कि पहले उन्होंने रामकृष्ण परमहंस की तस्वीर के साथ किया था. लेकिन इस बार वैसा चमत्कार नहीं होता है. उस तस्वीर का अगला हिस्सा रुद्राक्ष की ओर नहीं मुड़ता है और न ही माला क्लॉक वाइज डायरेक्शन में घूमती है. वह कागज पहले की तरह ही सामान्य रहता है.

इस पर सद्गुरु कहते हैं कि यह आपको दिखाने का उद्देश्य यह है कि आप इस बात को समझें कि हमारे आस पास जितनी भी चीजें हैं, वो एक प्रकार की ऊर्जा उत्प​न्न करती हैं. रुद्राक्ष जब पॉजिटिव एनर्जी के पास जाएगा तो वह क्लॉक वाइज डायरेक्शन में घूमता है और निगेटिव एनर्जी के पास जाएगा तो वह एंटीक्लॉक वाइज डायरेक्शन घूमता है. ऐसे ही किसी न्यूट्रल एनर्जी वाली वस्तु के पास जाएगा तो रुद्राक्ष घड़ी के पेंडुलम की तरह गति करने लगता है.

इसके बाद सद्गुरु एक टिशू पेपर मंगाते हैं और उसे अच्छे से चौकोर मोड़ देते हैं. फिर उस पर रुद्राक्ष की माला से वही प्रयोग दोहराते हैं और उसकी सकारात्मक ऊर्जा के बारे में बताते हैं. फिर उस चौकोर टिशू पेपर को अपनी मुट्ठी में दबाकर उसके शेप को खराब कर देते हैं. उसके बाद बताते हैं कि पहले ये चौकोर पेपर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर रहा था, अब यही नकारात्मक स्वरूप में हो गया है.

सद्गुरु बताते हैं कि भारत में कहा जाता है कि आपका बिस्तर बेतरतीब रहता है, चादर, कंबल आदि सही से नहीं रखते हैं तो उसमें भूतों का वास हो जाएगा. जब आप सोने जाएंगे तो वे भी आपके साथ सोएंगे और आपको परेशान करेंगे. रुद्राक्ष और अन्य चीजों के माध्यम से सद्गुरु पॉजिटिव और निगेटिव एनर्जी को समझाने का प्रयास कर रहे हैं.

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