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Premanand Ji Maharaj: क्या विवाहित बेटी के घर का पानी पीने से लगता है महापाप? जानें प्रेमानंद जी महाराज ने क्या बताया

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वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज के पास कई भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं. प्रेमानंद जी के विचार भक्त के जीवन का मार्गदर्शन करते हैं और भक्त यहां अपने मन की व्यथा को सवाल के जरिये महाराज जी से पूछते हैं और …और पढ़ें

Premanand Ji Maharaj: क्या विवाहित बेटी के घर का पानी पीने से लगता है महापाप?

क्या विवाहित बेटी के घर का पानी पीने से लगता है महापाप? जानें प्रेमानंद जी महाराज ने क्या बताया

हाइलाइट्स

  • प्रेमानंद जी महाराज ने कहा, बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं होता.
  • माता-पिता बेटी के घर रह सकते हैं, इसमें कोई बुराई नहीं.
  • सनातन धर्म में स्त्रियों का पूज्य रूप होने के कारण यह मान्यता है.

Premanand Ji Maharaj: वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज श्रीराधा रानी के परम भक्त हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों का उचित मार्गदर्शन करते हैं. यहां महाराज जी के दर्शन के लिए व सत्संग में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस दौरान वे अपने मन में चल रहे सवालों को भी महाराज जी के सामने रखते हैं. आपको बता दें कि इसके लिए ना सिर्फ आम जनता बल्कि कई बड़े-बड़े बॉलीवुड सेलेब्रिटि सहित नामचीन भी आते हैं और अपने प्रश्न उनके सामने रखते हैं, जिनका उत्तर प्रेमानंद जी बड़े ही सहज भाव से भक्तों को बताते हैं.

इसी तरह प्रेमानंद जी महाराज से सत्संग में एक महिला ने उनसे प्रश्न कर पूछा कि अगर बेटी के माता-पिता विवाह के बाद उसके घर का पानी पी लें तो क्या उन्हें पाप लगता है? इस पर महाराज जी ने उन्हें क्या उत्तर दिया आइए विस्तार से जानते हैं.

महिला ने पूछा था ये सवाल
सत्संग के दौरान एक महिला ने प्रेमानंद जी महाराज से सवाल किया कि, क्या माता-पिता को अपनी विवाहित बेटी के घर का पानी पीने से पाप लगता है. इसके साथ ही महिला ने आगे यह भी कहा कि मां की तबीयत अधिकतर समय खराब रहती है और वह अपनी मां को अपने घर में रखकर उनकी सेवा करना चाहती है. लेकिन उसके मां-पिता के डर के कारण वह उन्हें अपने साथ नहीं रख पाती है. उसके मां-पिता पाप लगने के डर से घर नहीं आना चाहते हैं. आगे महिला ने कहा कि महाराज जी बताईए इस स्थिति में क्या करना चाहिए. जिसके जवाब में प्रेमानंज जी महाराज ने क्या कहा आइए जानते हैं.

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प्रेमानंद जी महाराज ने दिया ये जवाब
महिला के प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि, बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं होता है, जितना अधिकार माता-पिता का एक बेटे पर होता है उतना ही बेटी पर भी होता है. इतना ही नहीं महाराज जी ने शास्त्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में भी बेटा बेटी में कोई भेद नहीं किया गया है. इसलिए दोनों का समान रुप से माता-पिता पर अधिकार होता है. आगे प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, अगर माता-पिता की तबीयत खराब होती है, तो ऐसे समय में बेटी अपने माता-पिता की सेवा कर सकती है, ऐसी परिस्थिति में अगर कोई माता-पिता अपनी बेटी के घर रहते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. बेटी अपना दायित्व निभा सकती है.

क्यों नहीं पिया जाता बेटी के घर का पानी?
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, सनातन धर्म की स्त्रियों का पूज्य रूप होने के कारण लोग बेटी के घर में पानी पीना पाप मानते हैं. हालांकि, आज के समय में इन सभी बातों का विचार सही नहीं माना जाता है.

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