Home Dharma Purani Delhi 400 year old Kinari Bazaar Shwetambar Jain Temple history

Purani Delhi 400 year old Kinari Bazaar Shwetambar Jain Temple history

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Kinari Bazaar Shwetambar Jain Temple: पुरानी दिल्ली के किनारी बाजार में श्वेतांबर जैन मंदिर और सोना-चांदी वाले मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर के मैनेजर संजीव ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास करीबन 400 साल पुराना है. इसे भव्य रूप में मुगलों के जमाने में यहां पर बनाया गया था. भगवान महावीर का सारा इतिहास सोने चांदी और शिशुओं से जड़कर कुछ तस्वीर बनाकर तीसरी मंजिल की हर एक दीवार पर दर्शाया गया है, जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा है.

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दिल्ली: पुरानी दिल्ली की गलियों में आज भी कई तरह का इतिहास छिपा हुआ है. खासतौर से जब पुरानी दिल्ली की गलियों में आप जाते हैं तो वहां के विचित्र पुराने इतिहासिक मंदिरों को देखकर आप दंग रह जाते हैं. वहीं एक ऐसा ही एक मंदिर न्यूज 18 की टीम ने भी ढूंढ कर निकाला है. यह मंदिर पुरानी दिल्ली के किनारी बाजार में श्वेतांबर जैन मंदिर और सोना-चांदी वाले मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर के मैनेजर संजीव ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास करीबन 400 साल पुराना है और इसे भव्य रूप में मुगलों के जमाने में यहां पर बनाया गया था.

तीन मंजिला है मंदिर सोने-चांदी से है जड़ा हुआ
इस मंदिर में भगवान महावीर के जीवन को दर्शाया गया है. उन्हीं की मूर्तियां भी यहां पर स्थापित है. लेकिन इस मंदिर का आर्किटेक्चर इसे और भी ज्यादा खास बनाता है. यह मंदिर तीन मंजिला है. जिसकी पहली मंजिल में एक संग्रहालय बनाया गया है. जहां पर भगवान महावीर के जीवन को दर्शाया गया है. कई मूर्तियां रखी हुई हैं. वहीं दूसरे मंजिल पर भगवान महावीर की एक बड़ी मूर्ति है जिसे सोने और चांदी से बनाया गया है. वहीं जब आप तीसरी मंजिल पर जाएंगे तो वहां पर एक अद्भुत ही नजर आपको देखने को मिलेगा. यह पूरी मंजिल में सोना, चांदी और शिष्यों से जड़ी हुई है. भगवान महावीर का सारा इतिहास सोने चांदी और शिशुओं से जड़कर कुछ तस्वीर बनाकर तीसरी मंजिल की हर एक दीवार पर दर्शाया गया है जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा है.

क्यों आते हैं अलग-अलग देशों के एंबेसडर यहां पर
मैनेजर संजीव ने बताया कि दिल्ली में कई देशों के दूतावास हैं और जब भी इन दूतावासों में किसी भी देश के एंबेसडर आते हैं तो वह पुरानी दिल्ली आकर इस मंदिर में एक न एक बार जरूर माथा टेकते हैं. उनका कहना था कि हाल ही में यूएई, यूएसए और अन्य कई देशों के एंबेसडर यहां पर आ चुके हैं. वहीं इसके साथ-साथ कई विदेशी टूरिस्ट भी इस मंदिर के दर्शन करने यहां पर आते हैं. इसके पीछे की वजह संजीव ने यह बताई कि जब भी वह किसी भी एंबेसडर या फिर विदेशी टूरिस्ट से यह पूछते हैं कि वह यहां पर क्यों आए हैं तो उनका साफ कहना होता है कि उन्हें यहां पर आकर एक अलग तरह की शांति का एहसास होता है इसलिए वह यहां पर आते हैं.

कैसे पहुंच सकते हैं आप इस मंदिर तक
इस मंदिर तक आप आसानी से दिल्ली की मेट्रो से पहुंच सकते हैं. आपको यलो लाइन मेट्रो से सीधा चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर उतरना होगा. चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 से बाहर निकलते ही आप किसी भी रिक्शा से सीधा चांदनी चौक के प्रसिद्ध किनारी में आराम से आ सकते हैं जहां पर आपको यह मंदिर आसानी से किसी से भी पूछने पर मिल जाएगा. यह मंदिर सुबह 6:00 बजे खुलता है और फिर दोपहर को 1:00 बजे बंद हो जाता है और फिर शाम को यह मंदिर दोबारा 5:00 बजे खुलता है और रात को 8:00 बजे बंद हो जाता है. यह मंदिर हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है.

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें

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दिल्ली का ‘सोने-चांदी वाला’ मंदिर! विदेशी राजदूत भी आते हैं माथा टेकने

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