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Ramadan 2025: क्या होता है एतिकाफ? रमजान के आखिरी दिनों में इस तरह करें इबादत, जानें महत्व और नियम

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Ramzan special 2025: रमजान के पाक महीने का आखिरी अशरा चल रहा है. रमजान के आखिरी 10 दिन लोग एतिकाफ में बैठते हैं और खुदा की इबादत करते हैं. आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि एतिकाफ की क्या फजीलत है.

Ramadan 2025: क्या होता है एतिकाफ? रमजान के आखिरी दिनों में इस तरह करें इबादत

मस्जिद में नमाज पढ़ते लोग

हाइलाइट्स

  • रमजान के आखिरी 10 दिन एतिकाफ के माने गए हैं.
  • एतिकाफ में व्यक्ति मस्जिद में रहकर इबादत करता है.
  • एतिकाफ में लोग ईद का चांद दिखने तक मस्जिद में रहते हैं.

Ramzan special 2025: रमजान का पाक महीना चल रहा है. यह महिला मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए खास महीना होता है. इस महीने में लोग खुदा की इबादत करने के लिए दिन रात लगे रहते हैं. रमजान के पाक महीने में आखिरी 10 दिन एतिकाफ के माने गए हैं. इसमें कोई व्यक्ति जो एतिकाफ में बैठता है वह ईद का चांद दिखाई देने तक मस्जिद में रहकर इबादत करता है.

अलवर के किशनगढ़बास के दयालपुर की मस्जिद के इमाम ने बताया कि इस्लामी कैलेंडर का 9वां महीना रमजान है. रमजान का पूरा महीना ही मुसलमानों के लिए बेहद खास है. इसमें इबादत और रोजा का विशेष महत्व है जिससे एक दिन की इबादत का फल कई हजार गुना मिलता है. रमजान का आखिरी अशरा चल रहा है इस अशरे को दोजख की आग से निताज पाने के जरिया माना जाता है और इन्हीं 10 दिन लोग एतिकाफ में बैठकर खुदा की इबादत करते हैं.

क्या है एतिकाफ
रमजान के महीने में शब ए कद्र की रात आती हैं और एतिकाफ आता है. एतिकाफ अरबी शब्द है जिसका अर्थ ‘ठहर जाना’ होता है. एतिकाफ की तीन किस्म वाजीब, सुन्नत और नफील हैं. इसमें जिस मस्जिद में 5 वक्त की नमाज होती है. उसमें बस्ती की ओर से कम से कम एक व्यक्ति एतिकाफ करता है. 21 मार्च से लोग एतिकाफ में बैठकर खुदा की इबादत कर रहे हैं. एतिकाफ में बैठने वाले लोग 10 दिनों तक अपने आसपास मौजूद मस्जिद में रहकर खुदा की इबादत करता है. वह वहीं सोते हैं और ईद का चांद दिखाई देने पर ही मस्जिद से बाहर आते हैं. उसे केवल दैनिक क्रिया के लिए बाहर आने की अनुमति होती है.

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