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Ramayan Katha: अंतिम समय में बाली ने अपने पुत्र के लिए श्रीराम से क्या मांगा? भगवान ने क्या दिए वचन, रोचक है प्रसंग

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Ramayan Ram Bali Samvad: हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक ग्रंथों में से एक रामायण का बहुत महत्व माना जाता है. रामायण में कई महत्वपूर्ण पात्रों में से एक है बाली. रामायण के मुताबिक, प्रसंग मिलता है कि जब श्रीराम ने वनराज बालि का वध कर दिया तब वह पृथ्वी पर गिर पड़ा और अपने अंतिम समय में बालि ने प्रभु श्री राम से अपने कई प्रश्नों के उत्तर मांगे थे. भगवान राम की बातों व उनके उत्तर को सही ठहराते हुए उनसे प्रार्थना करते हुए अपने पुत्र के लिए उनसे वचन मांगा.

पुत्र अंगद के लिए बाली ने श्रीराम से ये मांगा

बाली ने भगवान श्रीराम से अंतिम समय में कहा कि, मैंने अपने पुत्र अंगद का बचपन से ही बहुत दुलार किया है. आज वह मुझे ना देखकर बहुत दुखी हो जाएगा. वह अभी बालक है, उसकी बुद्धि भी परिपक्व नहीं हुई है. मैं आपसे विनती करता हूं कि आप मेरे महाबली पुत्र की रक्षा कीजिएगा और जैसा व्यवहार आप अपने भाई लक्ष्मण और भरत से करते हैं वैसा ही व्यवहार आप अंगद के प्रति रखियेगा. अपने भाईयों के प्रति जो भाव आप अपने मन में रखते हैं वैसा ही भाव आप अंगद के लिए भी रखें.

इसपर भगवान श्रीराम ने भी बाली को वचन देते हुए कहा कि, आप निश्चिंत रहें जिस प्रकार अंगद तुम्हारे जीवित रहते रहा करता था, उसी प्रकार वह सुग्रीव और मेरे पास भी सुख से रहेगा. मैं सदैव उसकी रक्षा के लिए तत्पर रहूंगा.

किष्किन्धा के राजकुमार बने अंगद

भगवान श्रीराम ने बाली की इच्छा का सम्मान करते हुए अंगद को स्वीकार कर लिया और बाली के वध के बाद श्रीराम ने सुग्रीव को किष्किन्धा का राजा बनाया और अंगद युवराज बनाए गए. बता दें कि अंगद ने माता सीता की खोज करने वाली वानरी सेना का नेतृत्व किया था.

प्राण विद्या में पारंगत थे अंगद

अंगद वानर सेना राजा बाली और अप्सरा तारा के पुत्र थे. अंगद प्राण विद्या में शक्तिशाली थे. इस कारण उनका शरीर इतना बलिष्ठ था कि कोई उनके पैर को भी कोई नहीं हिला सकता था. श्रीराम की सेना में अंगद के साथ ही हनुमानजी और जामवंत भी प्राण विद्या में पारंगत थे.

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