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Faridabad News: नवरात्रि में अपराजिता का फूल मां दुर्गा की विशेष आराधना में अहम है. इसे अर्पित करने से जीवन में समृद्धि, सफलता, सुख और सकारात्मक ऊर्जा आती है.
फरीदाबाद: नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-पाठ में अपराजिता के फूल का विशेष महत्व है. इस फूल को मां के चरणों में अर्पित करने से न सिर्फ भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहती है, बल्कि जीवन में समृद्धि, सफलता और सुख की प्राप्ति भी होती है. अपराजिता का फूल, विजय-सौभाग्य और मंगल का प्रतीक माना जाता है और इसे घर में रखने या पूजा में अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. खासतौर पर दशमी तिथि और नवरात्रि के नौ दिनों में इस फूल से मां की विशेष आराधना की जाती है.
Local18 से बातचीत में महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य ने बताया कि अपराजिता के फूल, नीले और बैगनी रंग के होते हैं. महंत जी ने कहा कि त्रेता युग में जब भगवान श्री राम की धर्मपत्नी माता सीता का हरण, रावण ने कर लिया था तब भगवान राम ने अपराजिता माता का पूजन किया था. यही कारण है कि आज भी इस फूल को माता के आंखों के समान सुंदर और पवित्र माना जाता है.
क्या है अपराजिता का महत्व
अपराजिता देवी जो कि भगवती दुर्गा का एक नाम भी है के पूजन से भक्तों को मानसिक शांति आर्थिक समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. महंत स्वामी कामेश्वरानंद ने आगे बताया कि अपराजिता के फूल को घर में रखने या पूजा करके धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा हो तो इस फूल को मां के चरणों में अर्पित करके बहते पानी में प्रवाहित किया जाए तो घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अपराजिता और शंखपुष्पी फूल दिखने में एक जैसे हैं लेकिन शंखपुष्पी का फूल भगवान शंकर के समान होता है.
अपराजिता का पौधा लगाना शुभ
अपराजिता का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है. नवरात्रि में इस फूल से नौ दिनों तक पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. महंत जी ने यह भी कहा कि हनुमान जी को शनिवार या मंगलवार को अपराजिता का फूल चढ़ाने से शनि की साढ़े साती या अन्य बाधाएं भी दूर होती हैं. पुराणों में अपराजिता पुष्प के महत्व और इसकी कथाओं का विशेष उल्लेख मिलता है.
इस प्रकार अपराजिता का फूल न सिर्फ धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने वाला एक शक्तिशाली प्रतीक भी है. नवरात्रि के पावन अवसर पर इस फूल का पूजन करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और ऐश्वर्य का वास होता है.