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Story of Ganesha’s Birth: क्या सच में माता पार्वती के मैल से पैदा हुए थे गणेशजी? पढ़िए लेप से जन्म की रोचक कहानी

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Story of Ganesha’s Birth: गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी. शिव पुराण के अनुसार गणेश जी का जन्म माता पार्वती के मैल से हुआ था और शिवजी ने उन्हें हाथी का सिर लगाकर पुनर्जीवित किया था.

Story of Ganesha's Birth: क्या सच में मां पार्वती के मैल से पैदा हुए थे गणेशजीपढ़िए, भगवान गणेशजी के जन्म की रोचक कथा. (AI)
Story of Ganesha’s Birth: सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है. भाद्रपद माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. इस बार गणेश चतुर्थी आज यानी 27 अगस्त को है. यह त्योहार 10 दिन तक यानी गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के त्योहार को गणपति बप्पा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं में ऐसा वर्णन मिलता है कि भगवान गणेश माता पार्वती के मैल से उत्पन हुए थे. अब सवाल है कि क्या सच में भगवान गणेश की उत्पत्ति मैल से हुई है? शास्त्रों के अनुसार पढ़ें भगवान गणेश के जन्म की रोचक कथा-

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh muhurat)

गणेश पूजा का शुभ समय दिन में 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक है. इस समय में विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की स्थापना और पूजा विधि विधान से की जाएगी. गणेश चतुर्थी पर ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 28 ए एम से सुबह 05 बजकर 12 ए एम तक है. उस दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है. चतुर्थी का निशिता मुहूर्त 12:00 ए एम से 12:45 ए एम तक है.
कैसे पैदा हुए गणेश भगवान?

शिव पुराण के अनुसार, माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन में जान डालकर उस मैल में जान डाल दी थी. इसी तरह गणेश भगवान का जन्म हुआ था. इसके बाद माता पार्वती ने उन्हें द्वार पर खड़ा कर खुद स्नान करने चली गईं थीं. जाते-जाते माता पार्वती ने भगवान गणेश को आदेश दिया कि वे किसी को भी अंदर न आने दें. इसके बाद भगवान गणेश ने उनकी आज्ञा को मानते हुए शिवजी को भी घर में जाने सो रोक दिया. इससे भगवान शिव नाराज हो गए और गणेशजी के सिर को उनके धड़ से अलग कर दिया. माता पार्वती को जब इस बात की जानकारी हुई तो वे गुस्से में आ गईं. इसके बाद शिवजी ने उनके शरीर में हाथी का सिर लगाकर उन्हें दोबारा से जीवित कर दिया, जिसके बाद गणेश जी गजानन कहलाए.

बालक का नामकरण: माता पार्वती ने उस बालक का नाम गणेश रखा और उसे अपना पुत्र स्वीकार किया. उन्होंने गणेश को द्वार पर बैठकर पहरा देने और किसी को भी अंदर न आने देने का आदेश दिया था. तब भगवान शिन ने सबसे पहले देखे गए प्राणी के सिर को लाने का आदेश दिया, जो कि एक हाथी का सिर था. शिवजी ने उस हाथी के सिर को गणेशजी के धड़ से जोड़कर उन्हें पुनर्जीवित किया, जिससे उनका नाम गजानन पड़ गया.

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Story of Ganesha’s Birth: क्या सच में मां पार्वती के मैल से पैदा हुए थे गणेशजी

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