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Sundarkand: शनिवार-मंगलवार को कर लें यह जाप, सभी संकट से मिल जाएगी मुक्ति! मिलेगा चमत्कारी लाभ

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Sundarkand Path: कलयुग में हनुमान जी को जागृत देवता माना जाता है. माना जाता है कि रोजाना सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. ऐसे में सुंदरकांड की कुछ चौपाई का खास महत्व है. आइए जानते हैं

अयोध्या: सनातन धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है. ठीक उसी प्रकार हनुमान जी महाराज को शनिवार और मंगलवार का दिन समर्पित होता है. इस दिन हनुमान मंदिरों में भक्त हनुमान जी महाराज की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं. उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. कहा जाता है कि जीवन के तमाम संकट से मुक्ति पाने के लिए अगर आप हनुमान चालीसा अथवा सुंदरकांड के कुछ दोहे का अनुसरण करते हैं, तो ऐसा करने से पवन पुत्र हनुमान आप पर बेहद प्रसन्न होंगे.

अगर आप मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदर कांड का पाठ करते हैं, तो जीवन की समस्त मनोकामना सिद्ध होती है और हनुमान जी महाराज का आशीर्वाद बना रहता है. तो चलिए ऐसी ही एक चमत्कारी चौपाई के बारे में हम आपको बताएंगे, जिसका अनुसरण करने से हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त हो सकती है. दरअसल रामचरितमानस की सुंदरकांड में एक सोरठा है ‘कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारी तब, जनु असोक अंगार दीन्हि हरषि उठि कर गहेउ’. इस सोरठा में हनुमान जी महाराज ने हृदय में विचार किया और प्रभु राम की अंगूठी माता सीता को दिया जिसके बाद माता सीता खुशी से झूम उठी, आश्चर्यचकित भी हुई. इसके बारे में विस्तार से शशिकांत दास बताते हैं.

कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारी तब…अर्थात लंका में हनुमान जी महाराज ने जब माता सीता को देखा. तो उनके हृदय में एक विचार उत्पन्न हुआ और उसके बाद हनुमान जी महाराज ने प्रभु राम का अंगूठी माता सीता की ओर फेंका.

जनु असोक अंगार दीन्हि हरषि उठि कर गहेउ…अशोक वाटिका के नीचे बैठी माता सीता प्रभु राम का अंगूठी देख हर्ष पूर्वक उसको अंगार की तरह ग्रहण किया जैसे कोई अमृत हो.

शशिकांत दास बताते हैं कि जब हनुमान जी महाराज लंका में माता सीता का पता लगाने पहुंचे तो हनुमान जी महाराज ने माता सीता का पता लगाया और उन्होंने माता सीता को प्रभु राम का संदेश सुनाया माता सीता को प्रभु राम की मुद्रिका दी जिसे देखकर माता जानकी को विश्वास हो गया . ऐसी स्थिति में धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर भक्त प्रतिदिन अथवा मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदरकांड के चौपाई दोहे का अनुसरण करता है, तो जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है.

Lalit Bhatt

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस…और पढ़ें

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस… और पढ़ें

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शनिवार-मंगलवार को कर लें यह जाप, सभी संकट से मिल जाएगी मुक्ति!

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