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Sundarkand: सभी कष्टों से मिल जाएगी मुक्ति, भय हो जाएगा खत्म, बस सिर्फ इस चौपाई का कर लें जाप

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अयोध्या: हनुमान जी महाराज की कृपा प्राप्त करने के लिए या फिर पवन पुत्र को प्रसन्न करने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय करते हैं .कोई हनुमान चालीसा का पाठ करता है. तो कोई सुंदरकांड की एक-एक चौपाई का जाप करता है. रामचरितमानस के सुंदरकांड में कई ऐसी चमत्कारी चौपाइयां हैं जिसका अर्थ समझकर जाप करने मात्र से ही सभी मनोरथ की सिद्धि होती है. ऐसा माना जाता है कि सुंदरकांड हनुमान जी महाराज को बहुत प्रिय है. इसके श्रवण से हनुमान जी महाराज बेहद प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी विशेष कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. ऐसी स्थिति में चलिए इस रिपोर्ट में सुंदरकांड की कुछ चमत्कारी चौपाई के बारे में विस्तार से समझते हैं.

दरअसल संतों का ऐसा मानना है कि अगर आप सुंदरकांड की चौपाई का जाप कर रहे हैं और उसका मतलब आप नहीं समझ पा रहे हैं तो उस चौपाई के जाप करने से कोई भी पुण्य आपको नहीं प्राप्त होगा. ऐसी स्थिति में सुंदरकांड में चौपाई है.

मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा, देखे जहँ तहँ अगनित जोधा.
गयउ दसानन मंदिर माहीं, अति बिचित्र कहि जात सो नाहीं.
सयन किए देखा कपि तेही, मंदिर महुँ न दीखि बैदेही.
भवन एक पुनि दीख सुहावा, हरि मंदिर तहँ भिन्न बनावा.

सुंदरकांड की चौपाई में हनुमान जी महाराज के द्वारा लंका में माता सीता की खोज का वर्णन किया गया है. इस चौपाई के बारे में शशिकांत दास विस्तार से बताते हैं .

मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा, देखे जहँ तहँ अगनित जोधा…अर्थात हनुमान जी महाराज ने लंका में एक-एक जगह मंदिर की खोज की. उन्होंने जगह-जगह पर बहुत से योद्धाओं को भी देखा है. यह दृश्य लंका का है.

गयउ दसानन मंदिर माहीं, अति बिचित्र कहि जात सो नाहीं…अर्थात लंका में खोजते खोजते वहां रावण के दरबार पहुंच गए. रावण का महल बहुत ही विचित्र था. जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता.

सयन किए देखा कपि तेही, मंदिर महुँ न दीखि बैदेही…अर्थात जब हनुमान जी महाराज रावण के महल पहुंचते थे तब हनुमान जी ने देखा कि रावण सो रहा है, लेकिन उन्हें सीता जी नहीं दिखाई दे रही है.
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भवन एक पुनि दीख सुहावा, हरि मंदिर तहँ भिन्न बनावा…अर्थात  फिर उसके बाद आगे उन्होंने एक सुंदर सा भवन देखा. वह भवन भगवान की पूजा के लिए अलग से बनाया गया था.

शशिकांत दास बताते हैं कि हनुमान चालीसा की इस चौपाई में लंका में हनुमान जी महाराज के प्रवेश और माता सीता की खोज का वर्णन किया गया है. इस चौपाई का जाप करने से जीवन के सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं और डर से मुक्ति मिलती है.

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