हरिद्वार /ओम प्रयास: हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है. सूर्य ग्रह को पिता का कारक मानते हुए यह कहा गया है कि यदि यह ग्रह मजबूत स्थिति में हो, तो जातक को पिता के समान सभी सुखों का अनुभव होता है. इसके विपरीत, कुंडली में सूर्य के कमजोर या नीच राशि में होने पर व्यक्ति के जीवन में अनेक कठिनाइयाँ और समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं.
सूर्य ग्रह को मजबूत करने के उपाय
पंडित श्रीधर शास्त्री का मानना है कि सूर्य देव को मजबूत करने के लिए ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ विशेष रूप से लाभकारी होता है. इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से जातक पर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है और सूर्य ग्रह कुंडली में किसी भी भाव में स्थित होने पर भी अपना सकारात्मक प्रभाव बनाए रखता है. यह स्तोत्र न केवल सूर्य ग्रह को मजबूत करता है बल्कि व्यक्ति के जीवन में शत्रु ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव भी कम करता है.
‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ कैसे करें?
पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनानी चाहिए.
ब्रह्म मुहूर्त में उठें – यह समय लगभग सूर्योदय से पहले का होता है.
स्नानादि के बाद पूजा स्थान पर जाएं – स्वच्छ और पवित्र होकर, किसी पौराणिक मंदिर या घर के देवालय में बैठें.
उषा काल में पाठ करें – इस समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं.
इस प्रकार सूर्य देव की पूजा करने से जातक पर किसी भी अन्य ग्रह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता, और उसे सुख, समृद्धि और शांति का अनुभव होता है. सूर्य देव के आशीर्वाद से जातक को धन, खुशहाली, और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है.
FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 11:24 IST