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मंगतू राम, छत्तीसगढ़ के पोस्टमास्टर, मां दुर्गा के आदेश पर साड़ी पहनते हैं और श्रृंगार करते हैं. उनका मानना है कि मां दुर्गा ने उन्हें पति के रूप में स्वीकार किया है. ये कहानी काफी रहस्यमय और चमत्कारिक है, आइए …और पढ़ें
डाकिया पोस्टमास्टर मंगतू राम
हाइलाइट्स
- मंगतू राम छत्तीसगढ़ के पोस्टमास्टर हैं.
- मां दुर्गा के आदेश पर साड़ी पहनते और श्रृंगार करते हैं.
- मंगतू राम का मानना है कि मां दुर्गा ने उन्हें पति के रूप में स्वीकार किया है.
अम्बिकापुर:- छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के जसपुर जिले के बगीचा विकासखंड के मंगतू राम एक पोस्टमास्टर हैं. लेकिन इनकी एक अलग पहचान भी है, पुरुष होकर भी ये महिलाओं की तरह साड़ी पहनते हैं, श्रृंगार करते हैं. आखिर मंगतू राम ने क्यों लिया ये प्रण, आइए जानते हैं.
मंगतू राम ने Bharat.one की टीम को बताया कि उनका जन्म 1999 में हुआ था और दिन गुरूवार था. आधी रात में जगत जननी मां दुर्गा मंगतू राम के बासेन वाले घर में विकराल रूप में आई और मंगतू राम को बोली कि उठो बालक, तब मंगतू राम देखते ही डर गया. मां दुर्गा बोली कि डरो मत बालक, मैं तुम्हारे पास ही आई हूं. आज़ से तुम्हारे घर में रहूंगी और तुम्हारे घर में रहकर तुम्हारा कल्याण करूंगी.
मंगतू राम ने शादी से किया इनकार
मंगतू राम ने Bharat.one को आगे बताया कि मां बोली, एक शर्त है कि तुम मुझे पत्नी स्वीकार करोगे, तो संसार के अंत तक रहूंगी. तब मंगतू राम ने कहा कि आप देवी हैं, मनुष्य से कैसे शादी हो सकता है. ये शादी नहीं हो सकती है. तब मां दुर्गा बोलीं कि मर्जी तो मेरी है, तुझे क्या आपत्ति है. संसार को मै चलाती हूं, फिर ये शादी क्यों नहीं हो सकती है. तुम्हें पत्नी के रूप में मुझे स्वीकार करना पड़ेगा. मंगतू राम मां दुर्गा की बात नहीं मानी.
मां दुर्गा ले गईं सतलोक
मंगतू राम के स्वास को मां दुर्गा सतलोक लेकर चली गई और घर में मंगतू राम मृत पड़ा था. सतलोक में जाकर मां दुर्गा शिव भागवन से बोलीं कि ये बालक को मेरे हवाले कर दो. भगवान शिव बोले कि ये साधारण मनुष्य है, तुम देवी कैसे इससे विवाह करोगी. फिर मां दुर्गा बोली कि मर्जी मेरी है. एक बार आप इसे आदेश दीजिए. भगवान ने आदेश दिया और बोलें कि जाओ शादी कर लेना. मां दुर्गा ने वरदान देने को कहा कि इसका शरीर किसी के मारे मरे नहीं और किसी का तंत्र-मंत्र इसपर प्रवाह न हो, ऐसा वरदान दीजिए. भगवान शिव ने वरदान भी दे दिया और बोले कि जाओ.
घर आकर मंगतू राम के मृत शरीर को मां जगत जननी ने जिंदा कर दिया और उस दिन ही शादी हो गई. मंगतू राम के मुताबिक, शादी के बाद मां दुर्गा बोलीं कि आज से तुम मेरे पति हो, मुझे साड़ी पहनाओं, श्रृंगार करो. तब मंगतू राम के ऊपर सवार थी. मंगतू राम गांव की गलियों में नाचते-कूदते अमर अग्रवाल के दुकान पहुंचा और बोला कि जयकुमार.
साड़ी लेकर मंगतू राम ने पहन ली
जयकुमार ने अनसूना कर दिया और बोला कि अगर पोस्टमास्टर कुछ मांगे, तो दे देना. फिर मंगतू राम ने बोला कि एक साड़ी चाहिए, जयकुमार ने छांटने को कहा. 100 रुपए की साड़ी लेकर मंगतू राम घर आया और साड़ी पहनाया. उस दिन से मंगतू राम खुद महिलाओं की तरह साड़ी-चूड़ी, श्रृंगार करता है. उनके मुताबिक, ये वेश-भूषा उनके मृत्यु तक ऐसा ही रहेगा.
वैसे मंगतू राम एक पोस्टमास्टर हैं, जो लोगों तक डाक पहुंचाने का काम भी करते हैं. हालांकि मां दुर्गा की भक्ति में लीन मंगतू राम मां दुर्गा के जैसे ही हथियार रखते हैं और पूजा पाठ करते हैं. लेकिन मंगतू राम एक पुरूष होने के बाद महिला वेषभूषा में रहना ये चमत्कार है या अंधविश्वास, ये तो अब भी कुछ लोगों की समझ से परेह है.
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