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पुरानी दिल्ली का इतिहास और यहां की प्राचीन इमारतें यहां को विशेष बनाती हैं. खासकर तीन सौ साल पुराना मंदिर जिसके परिसर में राधा रानी प्रकट हुई थी. आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई हैं.
दिल्ली: पुरानी दिल्ली की गलियों में वर्षों पुराने मंदिर काफी ज्यादा प्राचीन और इतिहासकारी हैं. चाहे वह राम, कृष्ण के मंदिर हो यहां फिर शिव महाराज के अन्य कई और देवी देवताओं के मंदिर हो यह सब मंदिर पुरानी दिल्ली की पुरानी गलियों की शान बढ़ाते हैं. Bharat.one की टीम ने ऐसा ही एक मंदिर पुरानी दिल्ली, चांदनी चौक के कटरा नील बाजार में भी ढूंढ कर निकाला है.
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर आप जो भी मांगो वह पूरा हो जाता है. यहां कई लोग इस मंदिर को राधा-रानी मंदिर के नाम से जानते हैं तो कई लोग इस मंदिर को रामद्वारा मंदिर के नाम से भी बुलाते हैं. वही इस मंदिर के पंडित नवीन गोस्वामी का कहना था कि इस मंदिर का इतिहास करीबन 300 साल पुराना है.
मंदिर में प्रकट हुई थी राधा-रानी
पंडित नवीन का कहना था कि इस मंदिर के प्रांगण में से राधा रानी करीबन 300 साल पहले प्रकट हुई थी. जिन्होंने राधा-रानी जी को इस मंदिर के प्रांगण से प्रकट करवाया था वह वंशीली जी महाराज थे और वह खुद उनकी 9वी पीढ़ी से हैं. तब से उनके परिवार की एक पीढ़ी राधा रानी की सेवा करती आ रही है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि आज तक इस मंदिर में जिसने भी श्रद्धा से कुछ भी मांगा है उसे वह मिल गया है. इसलिए लोग यहां पर बार-बार अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. पंडित नवीन ने यह भी बताया कि इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि इस मंदिर के आगे पीछे दाएं और बाएं भी करीबन सात आठ और मंदिर है जो इस मंदिर को अपने बीचो-बीच घिरे हुए हैं ऐसा लगता है मानो सब मंदिर मिलकर राधा रानी जी के इस मंदिर की सुरक्षा कर रहे हो.
ऐसे पहुंचे मंदिर
इस मंदिर तक आसानी से पहुंचने के लिए आपको यलो मेट्रो लाइन से चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन तक आना होगा. चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर यदि आप पहुंच जाएंगे तो आपको इसी मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 से बाहर निकलते ही किसी भी रिक्शा से कटरा नील बाजार के अंदर आना होगा. इस बाजार में जैसे ही आप पहुंचेंगे तो आप यहां पर किसी से भी राधा-रानी जी के इस 300 साल पुराने मंदिर के बारे में पूछ सकते हैं. यहां के सभी लोग इस मंदिर के बारे में बखूबी जानते हैं और वह आपको इस मंदिर तक पहुंचा देंगे. लेकिन याद रखें कि यह मंदिर सुबह 6:00 बजे खुलता है और फिर दोपहर 12:00 बजे तक बंद हो जाता है और शाम को दोबारा यह मंदिर फिर 5:00 बजे खुलता है और रात 8:00 बजे तक बंद हो जाता है.
