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Yam Dwitiya 2025 : अयोध्या में ‘मृत्यु के देवता’ यमराज की पूजा! जानें महत्व और कारण

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Yam Dwitiya 2025 : अयोध्या में वैसे तो भगवान की पूजा रोज होती है, लेकिन एक दिन ऐसा भी है जो साल में एक बार यमराज के लिए भी आता है और उनकी भी पूजा होती है. काल देवता माने जाने वाले यमराज की पूजा दीपावली के तीसरे दिन यम द्वितीया को सरयू घाट के यमथरा घाट पर होती है.

अयोध्या : भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में जहां हर दिन भक्ति और आस्था का संगम देखने को मिलता है. लेकिन दीपावली के तीसरे दिन यहां एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है जब स्वयं काल के देवता यानि महाराज यमराज की पूजा होती है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीराम के पृथ्वी से प्रस्थान के समय यमराज उन्हें लेने अयोध्या आए थे. कहा जाता है कि उन्होंने जमथरा घाट पर विश्राम किया और वहीं से आगे जाकर प्रभु श्रीराम ने गुप्तार घाट पर जल समाधि ली थी.

इसी पौराणिक घटना की स्मृति में आज भी कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया, जिसे यम द्वितीया कहा जाता है. यम द्वितीया के दिन सरयू तट स्थित यमथरा घाट पर परंपरागत रूप से मेला आयोजित होता है. प्रातःकाल से ही श्रद्धालु सरयू स्नान कर भयमुक्त और दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए यमराज की पूजा-अर्चना करते हैं. विशेषकर बहनें इस दिन व्रत रखकर अपने भाइयों के कल्याण और लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं. किंवदंती है कि यमराज ने यह तपोस्थली स्वयं अयोध्या माता से प्राप्त की थी इसलिए यहां की पूजा से मनुष्य को यमभय से मुक्ति और मृत्यु पर विजय का आशीर्वाद मिलता है.

सरयू नदी में आस्था का अद्भुत संगम
श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यमथरा घाट पर की गई पूजा जीवन में शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाती है. इसी दिन दीपावली पर पूजी गई लक्ष्मी-गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन भी सरयू नदी में किया जाता है. दीपों की झिलमिल रोशनी और भक्तिभाव से आलोकित यह परंपरा अयोध्या की सनातन संस्कृति और गहन आस्था का अनुपम प्रतीक है जहां परंपरा और विश्वास एक साथ दीपवत आलोकित होते हैं.

क्या है यम द्वितीया की मान्यता?
मंदिर के पुजारी अवध शरण किशोर ने बताया कि यम द्वितीया के दिन जो व्यक्ति यमराज जी का दर्शन करता है और यहां स्नान करता है, उसे किसी भी प्रकार का डर नहीं लगता और वह समस्त पापों से मुक्ति प्राप्त कर लेता है. प्रतिवर्ष इस दिन हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचकर दर्शन, पूजन और स्नान करते हैं. वहीं श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने गुप्तार घाट पर स्नान कर यमराज जी का पूजन किया, जिससे उन्हें अत्यंत शांति और आनंद की अनुभूति हुई. लोगों ने कहा कि यहां की व्यवस्थाएं उत्कृष्ट हैं और साल में लगने वाला मेला भी आकर्षण का केंद्र रहता है.

mritunjay baghel

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें

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अयोध्या में ‘मृत्यु के देवता’ यमराज की पूजा! जानें महत्व और कारण

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